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इनकम टैक्स छूट सीमा 5 लाख से बढाकर 7 लाख


इनकम टैक्स छूट सीमा 5 लाख से बढाकर 7 लाख (new tax regime)

▪️इंफ़्रा खर्च 33% बढाकर 10 लाख करोड़
▪️कैपिटल इन्वेस्टमेंट GDP का 3.3%
▪️कुल 13.7 लाख करोड़ CAPEX तय
▪️रेलवे पर 2.4 लाख करोड़ खर्च
▪️इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस के 3400 लीगल प्रावधान हटे
▪️ट्रांसपोर्ट इंफ़्रा के लिए 75000 आवंटित
▪️MSME’s – बड़े उद्योग के लिए digi लॉकर
▪️ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ आवंटित
▪️ग्रीन एनर्जी पर 35,000 करोड़ का खर्च
▪️PM आवास खर्च बढ़ाकर 79,000 करोड़
▪️5G के लिए 100 लेब
▪️APP के जरिये अब टूरिज्म की सभी जानकारी
▪️डिजिलॉकर में रखे दस्तावेजों को वेलिड गिना जायेगा
▪️सिल्वर गोल्ड पर ड्यूटी बढ़ाई गई
▪️किचन चिमनी पर 15% कस्टम ड्यूटी
▪️सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाकर 16% की गई

📌 *मुख्य विशेषताएं: बजट 2023*

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने *_अमृत काल_* में पहले बजट के लिए *7 प्राथमिकताओं* की रूपरेखा तैयार की है

• समावेशी विकास
• अंतिम मील तक पहुंचना
• इन्फ्रा और निवेश
• क्षमता को उजागर करना
• हरी वृद्धि
• युवा शक्ति
• वित्तीय क्षेत्र

📍 *भारत की अर्थव्यवस्था* चालू वर्ष में *7%* की दर से बढ़ेगी, दुनिया भारत को एक चमकीले सितारे के रूप में पहचानती है, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।

📍 *ग्रामीण फोकस* – एफएम ने घोषणा की कि केंद्र पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सभी प्राथमिकता वाले परिवारों के लिए *मुफ्त खाद्यान्न* पर *2 लाख करोड़ रुपये* खर्च करेगा।

📍 *हरित विकास* बजट की प्राथमिकताओं में से एक होगा, वे *कार्बन तीव्रता को कम करने* और *हरित रोजगार* बनाने में मदद करेंगे

📍 *कृषि क्षेत्र* – कृषि क्षेत्र में सुधार पर केंद्र सरकार का ध्यान जारी है, कृषि के लिए *एक ओपन-सोर्स डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर* और ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं पर केंद्रित एक कृषि त्वरक निधि।

📍 सरकार उच्च मूल्य वाली *बागवानी* के लिए *2200 करोड़ रुपये* खर्च करेगी, *कृषि ऋण लक्ष्य को भी बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये* किया जाएगा

📍 *स्वास्थ्य* – बजट 2023 कि सरकार द्वारा 2047 तक *सिकल सेल एनीमिया* को खत्म करने का एक मिशन शुरू किया जाएगा।

📍 *शैक्षिक इन्फ्रा* – अगले तीन में एकलव्य आधुनिक स्कूल, 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, 3 वर्षों में *15000 करोड़ रुपये* कमजोर आदिवासी समूह (पीवीटीजी) खर्च करने की योजना है।

📍 *कैपेक्स बड़ी छलांग* –
• 10 लाख करोड़ रुपये पर, 2023-24 के लिए केंद्र का कैपेक्स लक्ष्य 2022-23 के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से *33% अधिक* है

• *प्रधानमंत्री आवास (पीएमएवाई) परिव्यय* को बढ़ाकर *79,000 करोड़* करने की योजना

• सरकार ने *भारतीय रेलवे* के लिए *2.40 लाख करोड़ रुपये* का प्रस्ताव रखा है जो वित्त वर्ष 14 की तुलना में 9 गुना अधिक है।

📍 *डिजिलॉकर* – वन स्टॉप केवाईसी रखरखाव प्रणाली, एकल व्यवसाय पहचान के रूप में स्थायी खाता संख्या (पैन) का वैधीकरण।

📍 *50 साल का ब्याज मुक्त ऋण* राज्य सरकारों को *1 और साल* के लिए बढ़ाया गया

📍 *MSMEs* – कॉर्पस में *9,000 करोड़ रुपये* के निवेश के माध्यम से 2023 से सुधार योजनाएं प्रभावी होंगी, इससे 2 लाख करोड़ रुपये का एक और *संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट* सक्षम होगा, आगे क्रेडिट की लागत होगी * लगभग 1% कम*

📍 *डीबीटी योजना* युवाओं के लिए – 3 साल में *47 लाख युवाओं* को सहायता प्रदान करने के लिए, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा।

📍 *उधार* –
• केंद्र 2023-24 में सकल आधार पर *15.43 लाख करोड़ रुपये बांड* के माध्यम से उधार लेगा – एक नया सर्वकालिक उच्च।

• शुद्ध रूप में, उधार कार्यक्रम *11.8 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है*

ये संख्या मोटे तौर पर क्रमशः 15.5 लाख करोड़ रुपये और 11.7 लाख करोड़ रुपये के बाजार अनुमानों के अनुरूप हैं।

📍 *कस्टम ड्यूटी* –
• कैमरा लेंस और बैटरी जैसे मोबाइल फोन के कुछ पुर्जों के आयात पर एक और साल के लिए कस्टम ड्यूटी में राहत, टीवी पैनल के ओपन सेल में 2.5% की कटौती, आदि।

• सिगरेट पर कर *16% बढ़ा*, मिश्रित रबर 10% से बढ़कर 25% हो गया, आदि

📍 *व्यक्तिगत आयकर* –
0-3 लाख – शून्य
3-6 लाख -5%
6-9 लाख – 10%
9-12 लाख -15%
12-15 लाख -20%
15 लाख से ऊपर – 30%

नई व्यवस्था में सभी करदाताओं को बड़ी राहत।

नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था बन जाएगी।

📍 *आयकर की दर* –
वर्तमान में, उच्चतम दर नई व्यवस्था के तहत *42.74%* आयकर है।
एफएम ने नई कर व्यवस्था में *उच्चतम अधिभार को 37% से घटाकर 25%* करने का प्रस्ताव दिया है, *अधिकतम दर 39%*

📍 *प्रत्यक्ष कर* –
टैक्स पोर्टल पर इस वर्ष *6.54 करोड़ से अधिक रिटर्न* संसाधित किए गए।

…….. एफएम निर्मला सीतारमण

*टैक्सपेयर्स बजट:सैलरीड क्लास की 7.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री; नई टैक्स रिजीम के स्लैब भी बदले*

*नई दिल्ली*
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को राहत तो दी, लेकिन उनको… जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नया इनकम टैक्स सिस्टम चुनेंगे। पुराना टैक्स सिस्टम लेने वाले टैक्स पेयर्स पहले जैसे ही टैक्स देते रहेंगे। नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई। पहले ये 5 लाख रुपए थी। बजट में सैलरीड क्लास को एक और राहत दी है। नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया है। यानि 7.5 लाख रुपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन आप नौकरी की बजाय बिजनेस से कमाई कर रहे हैं तो स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा। यानी आपकी इनकम 7 लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा हुई तो टैक्स चुकाना होगा। नए टैक्स सिस्टम के लिए वित्त मंत्री ने नए स्लैब्स का भी ऐलान कर दिया है। उनके लिए अब 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होगी। आपको आपका टैक्स कैलकुलेट करके बताएं उससे पहले नए स्लैब्स ग्राफिक्स में देख लीजिए…


अब जान लेते हैं कि आपकी कमाई सालाना 7.5 लाख रुपए है, तो आपको कितना टैक्स देना होगा…नीचे ग्राफिक्स देंखें…


अब जानें कि अगर आपकी सालाना इनकम 10 लाख रुपए है और आपने नया टैक्स रिजीम चुना है तो कितना टैक्स देना होगा…


पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।

आपको बता दें कि सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुई तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।

फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। सरकार ने नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन कर दिया है । यानी बजट में इनकम टैक्स से दी गई राहत सिर्फ इसी पर लागू होगी। अगर आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आपको ये राहत नहीं मिलेगी। यदि आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आपको अपने निवेश के लिए सारे डॉक्यूमेंट देने होंगे और पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।

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