
बीकानेर। निजी शिक्षण संस्थानों पर निगरानी एवं नियंत्रण हेतु प्रस्तावित राजस्थान प्राइवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूशंस रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल 2023 लागू नहीं करने हेतु मंगलवार को जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजा गया है। प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में कहा गया है कि प्रस्तावित निजी शिक्षण संस्थान प्राधिकरण बिल “राजस्थान प्राइवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूशंस रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल -2023″ गैर आवश्यक एवं अव्यावहारिक है। निजी शिक्षण संस्थानों पर प्रभावी नियमन एवं नियंत्रण हेतु इस बिल की आवश्यकता बतायी गई है, जबकि निजी शिक्षण संस्थानों हेतु पहले से ही चार चार एक्ट, गैर सरकारी शैक्षिक संस्था कानून 1989, 1993, आर टी ई एक्ट 2009 एवं फीस विनियमन एक्ट 2016 लागू है, इसलिए अब किसी भी प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं है। यदि सरकार इस तरह का प्राधिकरण बनाती है तो ये सरकारी धन का दुरूपयोग तो है ही, इसमें प्रस्तावित नियमों व शर्तों से इंस्पेक्टर राज हावी होगा और भ्रष्टाचार भी पनपेगा, जिससे आपकी सरकार की छवि भी धूमिल होगी। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के नेतृत्व में दिए गए इस मांग पत्र में अतः इस गैर जरूरी प्राधिकरण को लागू नहीं कराने का मुख्यमंत्री से विनयपूर्वक अनुरोध किया गया है। इस ज्ञापन में चेतावनी भी दी गई है कि यदि राज्य सरकार ने अपनी हठ धर्मिता नहीं छोड़ी और इस गैर आवश्यक एवं पूर्णतः अव्यावहारिक बिल को लागू किया गया तो पूरे राज्य में राज्य सरकार के विरूद्ध गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा डटकर पुरजोर विरोध किया जाएगा। ज्ञापन में कहा गया है कि ये प्रस्तावित बिल हमारे अधिकारों का हनन है, इसलिए हमें मजबूर होकर आंदोलनात्मक कदम उठाने पड़ेंगे, जिसका समस्त उतरदायित्व राज्य सरकार का होगा। इसके अलावा इस बिल को कानून सम्मत तरीके से न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के मुताबिक जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बहुत गंभीरता से ज्ञापन पढा और प्रतिनिधि मंडल से चर्चा भी की। जिला कलेक्टर से मिले सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में गिरिराज खैरीवाल, रमेश बालेचा, मेहरबान सिंह खालसा, सवाई सिंह राजपुरोहित, मनीष शर्मा, जय गणेश कच्छावा एवं रामसिंह सम्मिलित थे। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट में दीपक यादव, घनश्याम साध, प्रभुदयाल गहलोत, भंवर सिंह, मनीष यादव, रघुनाथ बेनीवाल, राजेन्द्र शर्मा इत्यादि सहित प्राईवेट स्कूल्स के अनेक संचालक भी उपस्थित थे।
गिरिराज खैरीवाल