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विधानसभा में राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर फिर से मुद्दा उठा

राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने हेतु कमेटी गठित– कैबिनेट मंत्री डॉ बी ड़ी कल्ला

मंत्री कल्ला बोले हम सभी पक्ष विपक्ष के विधान सभा सदस्य को जल्द ही मोदी सरकार से मिलकर इस विषय पर बात करनी चाहिए।

दस करोड़ राजस्थानी भाषा प्रेमियों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी, इस हेतु आज राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए केबिनेट मंत्री डॉ बी ड़ी कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शीघ्र शामिल करे इस हेतु राजस्थान सरकार के समस्त विधायको को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाईये।
इससे पूर्व विधायक राजेन्द्र राठोड़ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से मांग की की पिछले दो सालों के दौरान राजस्थान के अलग अलग अंचल के समस्त विधायको ने यानी पक्ष और विपक्ष के 160 से अधिक विधानसभा सदस्यों ने राजस्थानी मोट्यार परिसद एवं अन्य भाषा प्रेमियों के आग्रह तथा राजस्थान की जनभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री महोदय को राजस्थानी को राजभाषा बनाने हेतु पत्र लिखा है
अभी हाल की बात करे तो पिछले दिनों ही राजस्थानी मोट्यार परिसद के शिवदान जोलावास ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी से इस संबंध में मुलाकात की थी तथा बीकानेर के मोट्यारो ने डॉ बी ड़ी कल्ला को बार बार अवगत करवाया था।
इससे पूर्व राजस्थानी मोट्यार परिसद के प्रशांत जैन, शोधार्थी जगदीश, मगराज कोरना, सहित मोट्यार परिसद के अलग अलग अंचलों के भाषा प्रेमियों ने समस्त विधायको से आग्रह करके राजस्थानी को राजभासा हेतु लेटर जारी करवाये थे।
मोट्यार परिसद के डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने बताया कि आज के इस विधानसभा में डॉ बी ड़ी कल्ला जी के कहे वचनानुसार अलग अलग राज्यो के अधिनियमो की जानकारी लेने हेतु जो कमेटी गठित की है इस हेतु मोट्यार परिसद के समस्त पदाधिकारियों ने राजेन्द राठौड़, जोगेश्वर गर्ग, डॉ बी ड़ी कल्ला का आभार व्यक्त किया।
विदित है कि पिछले 70 सालों से चले आ रहे इस भाषाई आंदोलन को अब सफलता मिल सकती है तथा राजस्थान के 10 करोड़ भाषा प्रेमियों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है।
आज के इस समस्त वक्तव्य की जानकारी देते हुए डॉ हरिराम बिश्नोई ने बताया कि राजस्थान सरकार के इस ऐतिहासिक कार्य के सफल होने से लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सकेगा तथा राजस्थानी संस्कृति का संवर्धन हो सकेगा।
राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिलने पर प्राथमिक शिक्षा का माध्यम भी राजस्थानी हो सकेगा तथा रीट, आर ए एस,शिक्षक भर्ती सहित अन्य सभी भर्तियों में राजस्थानी भाषा के प्रश्न आएंगे जिससे समस्त राजस्थान के निवासी लाभान्वित होंगे।
21 फरवरी अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशाल आयोजन के मार्फ़त राजस्थान के समस्त बड़े नेताओं का ध्यान खिंचने वाले तथा पिछले 20 वर्षों से आंदोलनरत
राजेश चौधरी,रामावतार उपाध्याय, सुमन शेखावत,मुकेश रामावत,सरजीत राजस्थानी,भरत दासोड़ी, भगवानाराम,सुनील सांखला सहित हजारों भाषाई आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओ ने आज की विधानसभा की कार्यवाही को देखते हुए आज के इस साहसिक पहल पर खुशी व्यक्त की।

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