

एक रक्क्त दान, बचाये चार जान,, इसी अभियान को सफल बनाने के लिए ,,ठाकुर भदौरिया ने उत्तर प्रदेश मैं जाकर किया 139वीं बार रक्क्त दान,,,,, रक्क्त दान का शतक बना चुके भदौरिया तीसरे अर्ध शतक की ओर,,, भदौरिया का यू, पी, के मैनपुरी मैं हुआ सम्मान,,, ज्ञात हो हाल ही में बीकानेर के समाजसेवी, रक्क्त दाता ठाकुर दिनेश सिंह भदौरिया प्रवास पर उत्तर प्रदेश गए हुए थे ,,वहां के समाचार पत्रों मैं भदौरिया ने पढ़ा कि योगी सरकार द्वारा वहां ,,एक रक्क्त दान, बचाये चार जान,, अभियान चलाया जा रहा है ,उसी से प्रेरित होकर भदौरिया जिला मैनपुरी के जिला अस्पताल के रक्क्त कोष पहुंचे व वहां अपना हीमोग्लोबिन की जांच करवाई तो उनका हीमोग्लोबिन 13,6 पाया गया तो भदौरिया ने उसी समय वहां स्वेक्षिक रूप से दान किया तथा अपने अन्य साथियों से भी रक्त दान करवाया, जैसे ही वहां के यानी रक्क्त कोष के अधिकारियों को ज्ञात हुआ कि भदौरिया राजस्थान के बीकानेर जिले से आये हैं और वो रक्क्त दान का शतक बना कर तीसरे अर्ध शतक लगाने की और अग्रशर है ,वो राजस्थान में रक्क्त दाताओं के प्रेरक माने जाते हैं तो वहाँ के अधिकारियों के भदौरिया हॉस्पिटल प्रांगण में ही स्मृति चिन्ह, प्रसस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया साथ ही वहां की मीडिया को उसी समय बुला कर उनका परिचय भी कराया,साथ ही जिला अस्पताल के अधिकारियों के द्वारा ठाकुर भदौरिया के द्वारा किये जा रहे अनुकरणीय कार्यों बावत हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई प्रदान की,, ज्ञात हो भदौरिया के द्वारा इससे पहले नेपाल, जयपुर, भीलवाड़ा, फरीदाबाद, जौधपुर,अजमेर, भिण्ड,, आदि अनेकों सहरों मैं आयोजित रक्क्त दान शिविरों में जाकर युवाओं को रक्क्त दान करने के लिए प्रेरित तो किया ही है मगर खुद भी हर तीन माह के बाद रक्क्त दान करते आ रहे हैं, उनकी ईक्षा भी यही है कि वो अपने जीवन में 177बार तो कम से कम रक्क्त दान करें,,