Bikaner Live

बीकानेर प्रेस क्लब सदस्य लिस्ट हुई जारी कई पत्रकारों को वोटिंग से किया वंचित
पोर्टल वालो को बनाया सदस्य लेकिन वोट का नहीं रहेगा अधिकार….

बीकानेर। बीकानेर प्रेस क्लब को लेकर आगामी दिनों होने जा रहे चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई। कमेटी द्वारा आवेदनों की छंटाई करने के बाद जिन पत्रकारों को वोट के अधिकार से वंचित किया गया है वे हैरत में हैं कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्हें मताधिकार से वंचित कर दिया गया। छंटनी में जिनके नाम काटे गए हैं, उनमें से अधिकांश तो ऐसे हैं जिन्होंने पहले वोट के अधिकारों का उपयोग कर रखा है।

पत्रकारों की छंटनी करने में मनमानी का आरोप लगाने वाले पत्रकारों का कहना है कि सदस्यता को लेकर जो नियम बनाए गए हैं, उसमें पत्रकार को तवज्जो मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।
पत्रकारों का यह भी कहना है कि वोट का अधिकार देने और छीनने के कारणों पर भी कमेटी को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
जिनको वोट का अधिकार मिला है, उनको किस आधार पर दिया गया और जिनके नाम काट दिए गए हैं उनके नाम किस आधार पर काटे गए, यह कमेटी द्वारा क्लियर करना चाहिए। तर्क यह भी है कि वास्तव में जो पत्रकार है ही नहीं, और कुछ ऐसे लोग है जो जिनको पत्रकारिता करते हुए बहुत कम समय हुआ है, उनको वोटिंग का अधिकार दिया गया है, यह न्यायोचित नहीं है।
पता चला है कि प्रेस क्लब के 135 सदस्यों की छंटनीशुदा सूची जारी होने के बाद पत्रकारों में खासा आक्रोश है। यहां तक कहा जा रहा कि प्रेस क्लब पत्रकारों से वोट का अधिकार लेकर सदस्य के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन कर रही है।
कमेटी के इस फैसले के बाद प्रेस क्लब भी दो धड़ों में बंटती हुई नजर आ रही है। क्लब में शामिल लोग इस फैसले से नाराज़ हैं। वहीं छंटनी करने वाली समिति में शामिल भी अपने पर कुछ भी लेने से कतरा रहे हैं।
जिन पत्रकारों को वंचित किया गया है वे भी इस फैसले से हैरत में हैं। कुछ लोगों को तो यह समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर यह क्यों किया गया है जबकि उनकी पहचान ही पत्रकार के रूप में है।
जानिए किसने क्या कहा?
– बीकानेर फ्रंटीयर आर एन आई अप्रूव्ड के सक्रिय पत्रकार के. कुमार आहूजा ने कहा कि वे पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 19 वर्षों से काम कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न अखबार, टीवी चैनल्स, न्यूज पोर्टल में सेवा दी और वर्तमान में बीकानेर फ्रंटीयर न्यूज पोर्टल में पत्रकारिता कर रहे हैं। प्रेस क्लब चुनाव में दो बार मताधिकार का प्रयोग भी कर चुके हैं लेकिन इस बार कमेटी ने अपनी मनमानी करते हुए इस अधिकार से वंचित कर दिया। कमेटी के इस फैसले को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता, हम इसके विरोध में है।
– राजस्थान के प्रदेश स्तरीय हुक्मनामा दैनिक समाचार पत्र अखबार बीकानेर ब्यूरो चीफ सैय्यद अख्तर अली चूड़ीगर ने कहा कि बीकानेर प्रेस क्लब में इससे पहले वे तीन बार सदस्य रह चुके हैं, वोटिंग भी कर चुके हैं, लेकिन अचानक कमेटी ने बिना कोई कारण बताये इसस बार मना कर दिया, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उनको पत्रकारिता करते हुए 15 साल हो गए, इस दौरान तीन बार वोटिंग में भाग ले चुके है, लेकिन इस बार कमेटी ने बाहर कर दिया।
– सामाचार हाउस में पत्रकारिता करने वाले मुकुंद व्यास ने कहा कि वे लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में है। सामाचार हाउस से पहले वे आपणी हथाई में भी निरंतर सेवा दी।
यहां कि पिछली बार प्रेस क्लब की कार्यकारिणी सदस्य भी बने, लेकिन इस बार कमेटी ने उन्हें बाहर कर दिया। उन्होंने कहा कमेटी द्वारा बाहर करने का कारण उन्हें साथ में वकालत करना बताया, जबकि कमेटी में कुछ ऐसे लोग हैं जो निरंतर वकालत कर रहे हैं उनको को वोट का अधिकार दिया है।
– न्यूज पोर्टल हलचल में पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्रीनारायण आचार्य ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवा देते हुए लंबा समय हो गया। इससे पहले युगपक्ष, विनय पत्रिका में काम किया। तीन बार वोट कर चुक है, लेकिन कमेटी ने इस बार इससे वंचित कर दिया, जो किसी रूप में सही नहीं है। उन्होंने इन सब के पीछे कमेटी की मनमानी है।
– मरु संग्राम न्यूज पोर्टल में पत्रकारिता करने वाले सरजीत सिंह ने कहा कि पत्रकारिता करते हुए उन्हें तीन से अधिक का समय हो गया। इस दौरान बीकानेर प्रेस क्लब के सदस्य रहते हुए एक बार वोट भी दिया, परंतु इस बार कमेटी ने इस अधिकार से वंचित रख दिया, जिसका कोई कारण भी नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा करना गलत है।
– बीकानेर फ्रंटीयर न्यूज पोर्टल में सक्रिय पत्रकार अजय त्यागी ने कहा कि वे पिछले 12 साल से पत्रकारिता कर रहे हैं, इस दौरान कई न्यूज पेपर, टीवी चैनल्स में काम किया यानि पत्रकारिता का एक लंबा तजुर्बा है। लेकिन बीकानेर प्रेस क्लब कमेटी की मनमानी के चलते उन्हें वोट के अधिकार से वंचित कर दिया।
– आरएनआई से अप्रूव्ड बीकानेर दर्पण अखबार में पत्रकारिता करने वाले पवन व्यास ने कहा कि उनको कमेटी ने पिछली बार इस कारण बाहर कर दिया कि उनके पास कोई अन्य इनकम का सोर्स है, जबकि वर्तमान में प्रेस क्लब में कई साथी हैं जिनके पास इनकम के अन्य सोर्स है। इस कारण उन्होंने इस बार मताधिकार के लिए फॉर्म ही नहीं भरा।
– 1998 से पत्रकारिता कर रहे, वर्तमान में क्राइम तहलका में रिपोर्टिंग करने वाले सीनियर पत्रकार बलजीत गिल का कहना है कि उन्होंने बीकानेर प्रेस क्लब में चार बार वोट का प्रयोग किया। प्रेस क्लब के हर कार्यक्रम कें आगे रहकर भाग लिया। लेकिन इस बार मताधिकार से वंचित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वंचित भले ही चाहे कर दिया, लेकिन उसका उचित कारण तो कमेटी बताना चाहिए था। कमेटी ने कारण न बताकर अपनी मनमानी का परिचय दिया है।
– सन 1994 से पत्रकारिता क्षेत्र में अपनी छाप छोडऩे वाले उमाशंकर आचार्य ने कहा कि बीकानेर प्रेस क्लब दो धड़ों में बंटा हुआ है, जिसके कारण असल पत्रकारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे 1994 से पत्रकारिता कर रहे हैं, 2008 से लोकमत में सक्रिय पत्रकारिता कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि प्रेस क्लब चुनाव 2019-20 में कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं, हर चुनाव में वोट का प्रयोग किया, लेकिन इस बार बिना कोई कारण उन्हें वंचित कर दिया, जो उचित नहीं है।
– पिछले 18 से 20 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे राकेश आचार्य ने कहा कि उन्हें वोट से वंचित किया गया है लेकिन कमेटी ने इसका कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा कि वे पिछले चार बार चुनाव में वोट का प्रयोग कर चुके हैं लेकिन इस बार वोट से वंचित कर दिया गया, जिसका कमेटी के पास कोई जवाब नहीं है। अगर फॉर्म में किसी प्रकार की कोई कमी थी तो कमेटी द्वारा उसकी आपति मांगनी चाहिए थी। बगैर सूचना के नाम काट दिया गया।
– पिछले लंबे समय से पत्रकारिता क्षेत्र में सेवा देने वाले पवन शर्मा ने कहा कि इस बार उनका नाम जोड़ा गया है लेकिन प्रेस क्लब के संगठन में अभी सुधार की बहुत जरूरत है। संगठन में राजनीति हावी हो रही है, जबकि संगठन की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली बार उनका नाम बिना कोई कारण नाम काट दिया गया था, लेकिन इस बार नाम जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि प्रेस क्लब में संगठन का मोटिव नहीं है, इसे देखते हुए बदलाव की आवश्यकता है।
यह कहना है अध्यक्ष का
बीकानेर प्रेस क्लब के अध्यक्ष जयनारायण बिस्सा ने कहा कि नियमों के अनुसार चयन समिति ने सदस्यों का चयन किया है। लेकिन जिनका वोट के लिए चयन नहीं हो पाया है वे प्रेस क्लब के सम्मानित सदस्य रहेंगे परंतु उनके पास मत का अधिकार नहीं होगा।– अध्यक्ष, बीकानेर प्रेस क्लब, जयनारायण बिस्सा।

aone

खबर

http://

Related Post

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: