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पुलिस के वज्रघात से जेलें पड़ी छोटी, बंदियों की भरमार



बीकानेर संभाग में पुलिस ने ऑपरेशन शिकंजा अभियान चलाया, तीन बार हुई कार्रवाई में 2300 से अधिक बदमाश पकड़े गए, कइयों की जमानत हो गई, जबकि अधिकांश जेलों में बंद है। अब बीकानेर जिला जेल, चूरू, हनुमानगढ़ एवं अनुपगढ़ उप कारागार, नोहर, भादरा, रतनगढ़, श्रीकरणपुर व सूरतगढ़ उप कारागार जेल के हालात यह है कि यहां क्षमता से दोगुने बंदी बंद है। गर्मियों में जेलें छोटी पड़ रही है। कम बैरकों के बीच इन बंदियों का रहना मुश्किल है। कोरोना के खतरे के बीच यहां सोशल डिस्टेसिंग जैसी पालना नहीं हो रही है। ऐसे में अगर जेलों में बंद बंदियों की बीच कोरोना विस्फोट हुआ तो हालात भयावह होंगे।

बीकानेर मंडल की 11 जेलों में हालात विकट

बीकानेर जिला जेल में इन दिनों 617 से बंदी बंद है, जो क्षमता से डेढ़ गुना है। चूरू जेल में 307 बंदी बंद है, हनुमानगढ़ जेल में 553 बंदी है और श्रीगंगानगर सेंट्रल जेल में 696 बंदी है। कोरोना काल के दौरान बीकानेर व मंडल के अधीनस्थ जेलों में क्षमता से अधिक बंदी होने पर कइयों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया था। लेकिन अब पुलिस के ऑपरेशन वज्रघात व शिकंजा अभियान के कारण फिर से जेलों में बंदियों की संख्या बढ़ गई। वर्तमान स्थिति को देखते हुए बीकानेर मंडल की हर जेल छोटी पड़ रही है।

एक नजर में जेलें …
– जेल – क्षमता – बंदी
बीकानेर सेंट्रल जेल – 1200 – 914
– श्रीगंगानगर सेंट्रल जेल – 560 – 696
– बीकानेर जिला जेल – 400 – 617
– चूरू जिला जेल – 163 – 307
– हनुमानगढ़ जिला जेल – 350 – 553
– अनुपगढ़ सब जेल – 220 – 278
– भादरा – 35 – 46
– नोहर – 82 – 126
– रतनगढ़- 30 – 65
– श्रीकरणपुर – 65 – 92
– सूरतगढ़- 105 – 165

इनका कहना है …
पिछले एक महीने से जेलों में बंदियों की संख्या बढ़ी है। पुलिस के विशेष धरपकड़ अभियानों से जेलों में बंदियों का भार एकाएक बढ़ गया है। जेल में सुरक्षा, कानून व्यवस्था को संभाले रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
आर. अनंतेश्वरन, जेल अधीक्षक बीकानेर

पुलिस के वज्रघात से जेलों में दो गुना बढ़े बंदी,बढ़ रहे कोरोना से खतरे की आशंका,
बीकानेर,पुलिस की ओर से प्रदेशभर में चलाए गए ऑपरेशन वज्रघात ने बदमाशों के साथ-साथ जेल प्रशासन के छक्के छुड़ा दिए है। हरेक जेल में क्षमता से डेढ़-दो गुना बंदी बढ़ गए गए है।जेलों में इतनी भीड़ के चलते बंदियों को अब कोरोना का खतरा सताने लगा है। जेल प्रशासन के लिए भी हालात बहुत मुश्किल होता जा रहा है।

हालात बुरे हाल, जेलें पड़ छोटी, बंदियों की भरमार

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