
हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. यह तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. हम सभी इस बात से तो अवगत हैं कि तंबाकू से सेहत पर बहुत नुकसान होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है.
माना जाता है कि 2030 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा को पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिसका उद्देश्य उस समय तक तंबाकू से संबंधित मौतों को एक तिहाई कम करना हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, “पर्यावरण पर तंबाकू उद्योग का हानिकारक प्रभाव बहुत बड़ा है और हमारे ग्रह के पहले से ही दुर्लभ संसाधनों और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर अनावश्यक दबाव डाल है.”
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने 1987 में वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने का प्रस्ताव WHA40.38 पारित किया. सभा ने 7 अप्रैल, 1988 को सभा ने अंततः 1988 में इसे पारित किया और 31 मई को हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया.
मीरा शाखा की सदस्याओं ने भी इसी कड़ी में आसपास के लोगों को तम्बाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताया व इसका सेवन न करने की शपथ दिलाई !