पिंक आइज यानि आई फ्लू के मामले क्यों बढ़ रहे हैं ?
उजाला सिग्नस हॉस्पिटल ग्रुप के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद हसीब बेग ने बातचीत में बताया कि बाढ़ का पानी, प्रदूषण फैलाने वाले कई एलिमेंट्स के चलते पानी दूषित हो जाता है। इन कारणों में सीवेज और अन्य बैक्टेरिया शामिल होते हैं। जब लोग इस दूषित जल के संपर्क में आते हैं, तो बैक्टीरिया और वायरस आंखों तक पहुंचने का खतरा होता है। इससे कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।
आई फ्लू को पिंक आइज क्यों कहा जाता है ?
कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आइज भी कहा जाता है। यह इंफेक्शन कंजंक्टिवा की सूजन है (पतली, क्लियर लेयर जो आंख के अंदर की रेखा बनाती है और आंख के सफेद भाग को ढकती है) और जब इस समस्या में आंख का सफेद रंग वाला हिस्सा गुलाबी या लाल हो जाता है। तो इसे पिंक आइज कहते हैं।
इसके अलावा साफ पानी और सफाई की सुविधाओं की सीमित उपलब्धता, बारिश के कारण हवा में ऐसे कई तत्व फैल सकते हैं, जो एलर्जी और जलन पैदा करते हैं और बाढ़ के कारण नमी की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इससे बैक्टीरिया और वायरस के पनपने के लिए अनुकूल माहौल तैयार होता है। गर्म और नम परिस्थितियों में संक्रामक तत्वों को जिंदा रहने और फैलने के लिए उचित वातावरण मिलता है। इससे पिंक आई के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
आई फ्लू के लक्षण कैसे दिखाई देते हैं ? –

आई फ्लू को कंजक्टिवाइटिस के नाम से जानते हैं, इसके प्रमुख रूप से तीन प्रकार हैं। आप जिस प्रकार के कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं उसके अनुसार भी लक्षण दिखाई देते हैं। डॉक्टर अंबिका चांडक बीकाणा अस्पताल ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis Causes) के कारण एक या दोनों आंखें लाल हो सकती हैं, खुजली हो सकती है, किरकिरा पन हो सकता है, आंखों से पानी और गिड निकलने की समस्या (Conjunctivitis Symptoms) हो सकती है, पलको मे सूजन आ सकती है और कई बार रोशनी की समस्या हो सकती है। अगर आपको ऐसी समस्या हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
आई फ्लू से बचने के घरेलू उपाय क्या हैं ? –
आई फ्लू से बचने के लिए अपने हाथ बार-बार धोएं, अपनी आंखों को बार-बार हाथों से न छुएं और अपने आस-पास साफ-सफाई रखें। समय-समय पर अपनी आंखें धोते रहें। अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहनकर जाएं, साथ ही पीड़ित से नजरें मिलाने से बचें। आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर, तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें और इस दौरान टीवी-मोबाइल से दूरी बनाकर रखें।
आई फ्लू कितने दिन में ठीक हो जाएगा? –
यह वायरल कंजक्टिवाइटिस है, इसलिए यह एक ऐसी बीमारी है जो अपने आप ठीक हो सकती है। वॉश बेसिन, तौलिया या तकिया घर में हर किसी को संक्रमित कर सकता है। आई फ्लू से ठीक होने में 3 से 5 दिन का समय लग सकता है। लेकिन अगर संक्रमण एक के बाद दूसरी आंख में होता है, तो इसे ठीक होने में अधिक दिन लग सकते हैं।
आई फ्लू के कारण आंखों में ज्यादा दर्द होने पर करें ये उपाय –
आई फ्लू के कारण आंखो में दर्द होता है और इससे बचने के लिए आप अपनी आंखों को ठंडे पानी से थोड़ी-थोड़ी देर पर धुले। इसके अलावा गुलाब जल से आंख धोने से आंखों का इन्फेक्शन कम हो जाता है और आंखों की गंदगी हट जाती है। किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा बताई गई आई ड्रॉप्स का ही उपयोग करें। मेडिकल स्टोर से लिखी दवाएं न लें। क्योंकि ज्यादातर दुकानें स्टेरॉयड युक्त दवाएं दे रही हैं, जिनसे समस्या बढ़ने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
आई फ्लू से संक्रमित होने के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखें –
अगर आपकी आंखों में संक्रमण है तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें और इसके बाद बताए अनुसार नियमित दवा लें। साथ ही तौलिए और रूमाल जैसी अपनी चीजें किसी के साथ साझा न करें और आंखों में संक्रमण होने पर चश्मे का प्रयोग करें, भूलकर भी लेंस न पहनें। इंफेक्शन के बाद घर पर ही रहें, बाहर निकलेंगे तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए जो लोग संक्रमित हैं उन्हें स्कूल, कॉलेज या ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए कहें।