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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार ने की सराहनाझुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले लोगों का सुरक्षित एवं सम्मानजनक पुनर्वास

अन्य राज्यों एवं जिलों में लागू करने का करेंगे प्रयत्न: सुश्री चौधरी


बीकानेर, 8 अगस्त। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार सुश्री अनु चौधरी ने श्रीगंगानगर रोड सहित विभिन्न स्थानों पर वर्षों से झुग्गी-झौंपड़ियां बनाकर रहने वाले लगभग आठ सौ परिवारों के सुरक्षित और सम्मानजनक पुर्नवास को सराहा। मंगलवार को चकगर्बी क्षेत्र के विजिट के दौरान उन्होंने कहा कि पूरे देश में यह अभिनव पहल है। ऐसा माॅडल अन्य प्रदेशों और जिलों में लागू करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले।
रजिस्ट्रार चौधरी ने जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के साथ चकगर्बी क्षेत्र का दौरान किया। उन्होंने कहा कि प्रषासन द्वारा झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले लोगों के लिए प्रभावी व्यवस्था कर दी है। अब स्थानीय लोगों को चाहिए कि वे इनका लाभ उठाएं, जिससे उनके जीवन में और अधिक सुधार आ सके। उन्होंने बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ाने और स्थानीय नागरिकों को नशे से दूर रहने का आह्वान किया।
जिला कलक्टर ने बताया कि इन लोगों को जीवन यापन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके मद्देनजर यहां पानी, बिजली, सड़क, शौचालय जैसी आधारभूत व्यवस्थाएं की। सामुदायिक भवन बनवाया गया। स्कूल स्वीकृत करवाया गया। वर्तमान में सामुदायिक भवन में इसका अस्थाई संचालन शुरू कर दिया गया है। जल्दी ही दानदाताओं की मदद से यहां भव्य भवन बनाया जाएगा।
जिला कलक्टर ने कहा कि यहां के शत-प्रतिशत बच्चों का स्कूल में दाखिला सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जाए। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी के तहत महिलाओं को रोजगार के लिए आवेदन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दस पक्के मकानों का निर्माण पूर्णता की ओर है। शेष सभी पात्र आवेदन भारत सरकार को भिजवा दिए गए हैं। इनकी स्वीकृति जल्दी ही आने की संभावना है। बच्चों के आवष्यक दस्तावेज बनवाने वाली संस्था को यह कार्य अतिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देष दिए।
इस दौरान रजिस्ट्रार चौधरी और जिला कलक्टर कलाल ने स्कूल में अध्ययनरत बच्चों से मुलाकात की और पढ़ाई से संबंधित फीडबैक लिया। उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी। श्रीगंगानगर रोड स्थित झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाली काजल और षिवानी ने यहां पुनर्वास के बाद जीवन स्तर में आए सकारात्मक बदलाव के बारे में बताया।
इस अवसर पर नगर विकास न्यास सचिव मुकेश बारठ, बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी, जय भारत संस्थान के दिनेश पांडे, मोनिका गौड़, अधिशाषी अभियंता राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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