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आचरण की सभ्यता अपराध रोकने का मूल मंत्र:- पुलिस महानिदेशक, राजस्थान


बीकानेर, 2 सितम्बर: स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशालय एवं इंडियन रेडक्रास सोसायटी, बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में युवाओं में अपराध के प्रति बढ़ती मानसिकता पर रोकथाम में समाज, पुलिस एवं शिक्षण संस्थाओं का दायित्व विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए वर्चुअल मोड़ पर जुड़कर श्री उमेश मिश्रा] पुलिस महानिदेशक, राजस्थान ने कहा कि युवाओं में बढ़ते अपराधों को रोकने में आचरण की सभ्यता मूल मंत्र है।  बच्चा और युवा जो देखता है उसी को अपने आचरण में उतारता है। माता-पिता, गुरूजनों एवं परिवारजनों का आचरण यदि अच्छा होगा तो उसका सकारात्मक प्रभाव युवाओं पर पड़ेगा। उन्होने आचरण को ही सबसे बड़ा शिक्षक बताया। उन्होने कहा कि युवाओं के पथ से भटकने में उनकी परवरिश तथा जिन नैतिक मूल्यों की तरफ वह आकृष्ट होते हैं उनका बड़ा योगदान रहता है। समाज मानवीय मूल्यों पर चलता है। लालच, गरीबी, डिप्रेशन, हीन मानसिकता, अपराध की राह पर धकेलने के लिये उत्तरदायी है। कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के विभागाध्यक्ष साइकेट्री प्रो. डॉ. पंकज कुमार ने कहा कि युवाओं को अपराध में नहीं उतरने देना अपराधों को रोकने से अच्छा विकल्प है। कुलपति, डॉ. अरूण कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं में बढती अपराधिक गतिविधियों की रोकथाम में समाज, पुलिस एवं शिक्षण संस्थाओं के दायित्वों पर मंथन करना है। कार्यशाला पांच सत्रों में आयोजित की गई। प्रथम सत्र में युवाओं में अपराध की मानसिकता रोकने तथा सकारात्मक सोच विकसित करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका पर चर्चा हुई। इस सत्र में डॉ. तनवीर मालावत,वाईस चेयरमेन, इंड�

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