डा.मुनि अमृत कुमार जी जैन धर्म जन धर्म बना रहे हैं, सत्य अहिंसा अनेकांत तीर्थंकर द्वारा भाषित धर्म सर्वव्यापी है। व्यक्ति आलस्य प्रमाद त्याग कर जीवन में धर्म को प्रमुख मानें, तब मानव जीवन सार्थक होगा। व्यक्ति धर्म के मर्म को समझें।
लोकिक व लोकोत्तर सामाजिक धर्म के मर्म को समझें, व्यसन मुक्त धार्मिक बने रहे-ये उदगार डॉ मुनि श्री अमृत कुमार जी ने तेरापंथ भवन में कहे।
मुनि श्री उपशम कुमार जी ने नोखा को धर्म नगरी बताते हुए अनोखा बताया। श्रावकों से समय का सदुपयोग कर धार्मिकता अपनाने पर बल दिया। अवसर का लाभ उठाने कि प्रेरणा दी। ज्ञात रहे मुनि श्री उपशम कुमार पारख नोखा परिवार से दीक्षित रत्न है।
कवि इन्द्र चन्द बैद, उपासक अनुराग जी बैद,सभा मंत्री तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष सुमन मरोठी,मनोज घीया, तेरापंथ तेयुप के निर्मल चोपड़ा मुनि श्री का अभिनंदन करते हुए सहज,सरल विद्वान संत बताया।
महिला मंडल ने स्वागत गीत का संगान किया। कुशल संचालन तेयुप मंत्री सुरेश बोथरा ने किया।
ओम् अर्हम
26 April.
