भारतीय सिनेमा में ट्रेजडी किंग नाम से मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार का निधन, मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में ली आखिरी सांस मुंबई: हिंदी सिनेमा के जानेमाने अभिनेता दिलीप कुमार का निधन हो गया है. काफी समय से सांस लेने में दिक्कत की वजह के चलते उन्हें मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
*यही पर 98 वर्षीय दिलीप कुमार ने आज आखिरी सांस ली.*उनकी पत्नी सायरा बानो लगातार फैंस के साथ दिलीप कुमार का हेल्थ अपडेट शेयर करती जा रही थीं. बीते दिन ही उन्होंने कहा था कि अब दिलीप कुमार की हालत में सुधार है और जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी. दिलीप साहब के साथ उनकी पत्नी और अभिनेत्री सायरा बानो उनकी आखिरी सांस तक साथ रहीं. दिलीप कुमार के निधन से बॉलीवुड और देश में शोक की लहर है, कई दिग्गज उन्हें नमन कर रहे हैं. *दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा जगत में 5 दशक की लंबी पारी खेली:*दिलीप कुमार भारतीय सिनेमा में ट्रेजडी किंग नाम से मशहूर थे. जन्म से उनका नाममोहम्मद युसूफ खान था. उन्होंने हिंदी सिनेमा में आने के बाद अपना नाम दिलीप कुमार रखा. दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा जगत में 5 दशक की लंबी पारी खेली. इन्होंने बॉलीवुड में 1940 में कदम रखा था.*सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित:*दिलीप कुमार भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं. *इसके साथ ही वो पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान* निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित थे. दिलीप कुमार ने 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद 1947 में ‘जुगनू’ उनकी पहली हिट फ़िल्म थी. इस फ़िल्म ने दिलीप कुमार को हिट फ़िल्मों के स्टार की श्रेणी में लाकर खड़ा किया था. उसके बाद दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मों में गंभीर भूमिकाएं निभाई. 1998 में बनी ‘क़िला’ थी दिलीप *कुमार की आखिरी फ़िल्म:*इसी के चलते मशहूर होने के कारण उन्हें ट्रेजडी किंग कहा जाने लगा. उन्होंने मुग़ले-ए-आज़म (1960) में मुग़ल राजकुमार जहाँगीर की भूमिका निभाई थी. उसके बाद उन्होंने क्रांति (1981), विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज़्ज़तदार (1990) और सौदागर(1991) जैसी फिल्मों में काम किया. दिलीप कुमार की आखिरी फ़िल्म 1998 में बनी ‘क़िला’थी.