जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित
पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित विभिन्न बिंदुओं की हुई चर्चा
बीकानेर, 22 जुलाई। जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक गुरुवार को आयोजित हुई।
जिले में पर्यावरण शुद्ध रहे, इसके लिए पॉलिथीन के उपयोग को रोकने, मेडिकल बॉयोवेस्ट के निस्तारण, औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी के निस्तारण, मृत पशुओं के पेट से निकलने वाले पॉलिथीन को नष्ट करने आदि के संबंध में संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने मेडिकल बॉयोवेस्ट के निस्तारण की समीक्षा के दौरान ठेकेदार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के मेडिकल बॉयोवेस्ट का निस्तारण नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया और कहा कि संबंधित अनुबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए जाने के बावजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से मेडिकल बॉयोवेस्ट का निस्तारण नहीं किया जाना लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि संबंधित फर्म के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मेहता ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देेशानुसार पर्यावरण की दृष्टि से बनाए जा रहे जिला प्लान की समीक्षा की। बैठक में बताया कि नोखा नगर पालिका के अलावा सभी निकायों व विभागों ने इस संबंध में सूचनाएं उपलब्ध करवा दी हैं। इस पर मेहता ने अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) को निर्देश दिए नोखा नगर पालिका से जिला प्लान की सूचना लेकर आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होंने रिडमलसर पुरोहितान की 382 बीघा भूमि की सुरक्षा और पौधारोपण के संबंध में फीडबैक लिया और कहा कि यह भूमि वन विभाग के अधीन है, लेकिन इसकी मैपिंग नहीं है। अतः तहसीलदार और वन विभाग संयुक्त रूप से इस भूमि की मैपिंग करे। मैपिंग होने पर वन विभाग इस भूमि की सुरक्षा सही रूप से कर सकेगा।
चिड़ियाघर के जानवर आगामी 6 माह में बॉयोलॉजिकल पॉर्क में हो शिफ्ट-
जिला कलक्टर ने प्रगतिरत बॉयोलॉजिकल पार्क के निर्माण कार्य और उपलब्ध बजट की समीक्षा की और कहा कि आरएसआरडीसी को पार्क के निर्माण के लिए अतिरिक्त बजट उपलब्ध करवा दिया गया है। उन्होंने उप वन संरक्षक (वन्य जीव) को निर्देश दिए निर्माण कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करते हुए आगामी 6 माह में चिड़ियाघर के जानवर बॉयोलोजिकल पार्क में शिफ्ट हो जाएं, इसके प्रयास करे।
जिला कलक्टर ने बीछवाल व करणी औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी के निस्तारण पर जोर दिया और कहा कि कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीइटीपी) लगवाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। इसके लिए उन्होंने रीको, प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी को मौका निरीक्षण के निर्देश दिए और कहा कि सीइटीपी लगवाने की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
पॉलिथीन के विरूद्ध अभियान चलाएं-
उन्होंने प्रतिबंधित पॉलीथीन के उपयोग पर पूर्णतया रोक लगाने के निर्देश दिए और कहा कि नगर निगम पॉलिथीन बैग की जब्ती के लिए अभियान चलाए। इस कार्य में उन्होंने पुलिस प्रशासन का सहयोग लेने की बात कही। अभियान के तहत पॉलिथीन की जब्ती करें एवं एक्ट के प्रावधानों के अनुसार सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए एन.जी.ओ. का सहयोग लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निगम प्लास्टिक कचरा प्रबंधन का प्लान बनाए। उन्होंने जोहड़बीड गिद्ध संरक्षण क्षेत्र में नगर निगम द्वारा डाले जा रहे मृत पशुओं के पेट से निकलने वाला कचरा/थैलियों को नष्ट करने के भी निर्देश दिए। इस कचरे नियमानुसार डिस्पोजल किया जाए। उन्होंने बीकानेर शहर के नजदीक वन क्षेत्र विकसित करने के संबंध में वन विभाग को निर्देश दिए।
घर-घर औषधीय पौधों का वितरण-
जिला कलक्टर ने घर-घर औषधि योजना के तहत जिले में पौधे वितरण की कार्ययोजना की समीक्षा की और कहा कि योजना का गांव-ढ़ाणी तक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके लिए परम्परागत प्रचार-प्रसार की गतिविविधयां आयोजित हां। लोक कलाओं के माध्यम से आमजन को जागरुक किया जाए। उन्होंने कहा कि पौध वितरण का रूटचार्ट तैयार कर, पौधों का वितरण किया जाए। उन्होंने बीकानेर शहर में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में जिला परिषद को पौधों के परिवहन की जिम्मेदारी दी।
राष्ट्रीय पक्षी मोर संरक्षण की चर्चा के दौरान उन्होंने मोरों की मृत्यु से संबंधित मामलों की जानकारी ली और निर्देश दिए शिकार अथवा अन्य कारणों से मृत मोर के मामलों का अनुसंधान तेजी से किया जाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग मोरों की मृत्यु से संबंधित मामलों के दर्ज प्रकरणों का न्यायालय में समय पर चालान पेश करें।
अवैध आरा मशीन घारकों के खिलाफ हो कार्यवाही-
बैठक में क्षेत्र में पेड़ों के अवैध कटान, लकड़ी के अवैध परिवहन, अवैध आरा मशीन के संचालन की समीक्षा की गई और कहा कि लाईसंेस शुदा आरा मशीनों का ही संचालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना लाईसेंस शुदा आरा मशीन अगर चल रही है तो तुरन्त प्रभाव से बंद करवाई जाए। उन्होंने पेड़ों के अवैध कटान और परिवहन पर नज़र रखने के निर्देश दिए और कहा कि ऐसे मामले पाए जाने पर संबंधित से जुर्माना वसूला जाए।
बैठक में अतिरिक्त मण्डल वन अधिकारी रंगास्वामी ई, जिला कलक्टर (शहर) अरूण प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त ए.एच.गौरी, डीएफओ (वन्य जीव) वीरेन्द्र सिंह जोरा, उपवन संरक्षक छत्तरगढ़ एस.के. आबूसरिया, सहायक वन संरक्षक बीकानेर नरेन्द्र चौधरी सहित चिकित्सा, रीको, उद्योग, प्रदूषण बोर्ड आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए बनी त्रिस्तरीय समितियां
जिला कलक्टर ने दिए व्यापक प्रचार प्रसार के निर्देश
बीकानेर, 22 जुलाई। असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की कार्यस्थल संबंधी समस्याओं के पंजीकरण एवं इनके समयबद्ध निराकरण के लिए त्रिस्तरीय महिला समाधान समितियों का गठन किया गया है। जिला कलक्टर नमित मेहता ने गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में इन समितियों के उद्देश्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, जिससे ऐसी सभी महिलाओं को इनकी जानकारी हो तथा यह महिलाएं अपने कार्यक्षेत्रों में भयमुक्त होकर कार्य कर सकें।
जिला कलक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के जन घोषणा पत्र में प्रदेश के असंगठित एवं अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना के तहत यह समितियां गठित की गई हैं। संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट एवं संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित संभाग, जिला और उपखण्ड स्तरीय कमेटियों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रमुख कार्यस्थलों का चिन्हीकरण करते हुए महिला समाधान समितियों के कार्यों को प्रचारित किया जाए। इसके लिए उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठकें की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हो तथा कार्य करने के लिए इन्हें स्वतंत्र एवं सुरक्षात्मक वातावरण मिले, इसके मद्देनजर कार्य किया जाए।
सफल महिलाओं से रूबरु होंगी बालिकाएं
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जिला टास्क फोर्स की बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि बेटियों के साथ पूर्व में आयोजित ‘डायलॉग विद् डीएम’ की तर्ज पर प्रशासनिक एवं पुलिस सेवा, शिक्षा, चिकित्सा एवं विभिन्न क्षेत्रों में सफल महिलाओं के साथ बालिकाओं का संवाद आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह श्रृंखला शीघ्र ही प्रारम्भ की जाए, जिससे हमारी बेटियां इन सफल महिलाओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या पर प्रभावी अंकुश लगाने, बेटियों को शिक्षा से जोड़ने तथा पढ़ी-लिखी बालिका को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य होगा। इसके लिए वार्षिक एक्शन प्लान तैयार करते हुए भारत सरकार को भिजवाया गया है।
कन्या वाटिका में लगाएंगे दस हजार पौधे
जिला कलक्टर ने बताया कि स्कूलों, ग्राम पंचायतों एवं सामुदायिक भवनों आदि पर ‘कन्या वाटिकाएं’ तैयार की जाएंगी। इन कन्या वाटिकाओं पर दस हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए संबंधित विभागों से प्रस्ताव तैयार करते हुए पौधारोपण करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इन कन्या वाटिकाओं को मॉडल के तौर पर विकसित किया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में अभियान के तहत जिन बिंदुओं में प्रगति कम है, इसके कारण जानने तथा सुधार के लिए इन बिंदुओं का अनुसंधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ टास्क फोर्स से संबंधित सभी विभाग अपने-अपने कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से करें, जिससे बालिकाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिल सकें।
राज्य महिला नीति की दी जानकारी
बैठक के दौरान महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक राजेन्द्र चौधरी ने राज्य महिला नीति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 के तहत महिलाओ और बालिकाओं के समग्र विकास के लिए 6 प्रमुख क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इनमें बालिकाओं और महिलाओं के जन्म अस्तित्व, स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा एवं प्रशिक्षण, आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण, सुरक्षा, संरक्षण एवं बचाव तथा र्प्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आपदाएं आदि प्रमुख हैं। जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में भी नई महिला नीति का प्रभावी क्रियान्वयन हो। संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय रखते हुए कार्य करें।
सखी वन स्टॉप सेंटर की हुई समीक्षा
बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने सखी वन स्टॉप सेंटर की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर के लिए मानव संसाधन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के दौरान भी सेंटर चालू रहे। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अगले दो दिनों में इसे चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर की गाइडलाइन के अनुसार भवन निर्माण के लिए पीबीएम अस्पताल में स्थान चिन्हित करते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाए गए हैं। उन्होंने केन्द्र की आधारभूत सुविधाओं तथा इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में चर्चा की। बैठक के दौरान महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की गतिविधियों की समीक्षा भी की गई।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ. पी. चाहर, जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा, पीबीएम उपाधीक्षक डॉ. के. के. मिश्रा, डॉ. प्रभा भार्गव, अतिरिक्त विकास अधिकारी कैलाश पंचारिया, पार्षद सुधा आचार्य, डॉ. सुदेश अग्रवाल, एड. कमल नारायण पुरोहित, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की मंजू नांगल, चाइल्ड हैल्पलाइन के चेनाराम बिश्नोई, संरक्षण अधिकारी सतीश परिहार, प्रचेता विजय लक्ष्मी जोशी, जयवंती शर्मा आदि मौजूद रहे।