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वीरेंद्र जी सक्सेना मौन साधक एवं राजस्थानी के प्रबल समर्थक थे – रंगा
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बीकानेर 10 मई 2022 पत्रकारिता को समर्पित कीर्तिशेष वीरेन्द्र कुमार सक्सेना की 13वीं पुण्यतिथि पर आज प्रातः नालन्दा पब्लिक सी.सै स्कूल परिसर स्थित सृजन सदन में उन्हें नमन करते हुए शब्दांजलि का आयोजन रखा गया।
शब्दांजलि के प्रारंभ में स्व. सक्सेना के व्यक्तित्व कृतित्व पर संक्षिप्त जानकारी देते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि स्व. सक्सेना मौन साधक एवं राजस्थानी के प्रबल समर्थक थे, उन्हीें के सकारात्मक सोच के कारण प्रदेश भर में नई पहल एवं नवाचार के तहत युगपक्ष द्वारा प्रतिसप्ताह मंगलवार को राजस्थानी से संबंधित साहित्यक सामग्री प्रकाशित की जा रही है।
करूणा क्लब के हरिनारायण आचार्य ने कहा कि स्व. सक्सेना पत्रकारिता करते नहीं थे, असल में उसे जीते थे।
प्रज्ञालय के युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि वे सच्चे अर्थो में पत्रकारिता के उच्च मानदंडों का निवर्हन करने वाले महान् व्यक्तित्व थे।
अपनी शब्द भावना अर्पित करते हुए भवानीसिंह, अशोक शर्मा, आशीष रंगा, सुनील व्यास ने उन्हें सकारात्मक पत्रकारिता का पुरोधा बताया।
अंत में दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धा अर्पित की गई।

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