बीकानेर, 12 जनवरी। खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव प्रेरक आचार्यश्री जिन पीयूषसागरसूरिश्वरजी की प्रेरणा से खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव समिति द्वारा प्रकाशित वर्ष 2023 के कलेण्डर का विमोचन गुरुवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में संगोष्ठी के साथ किया गया।
संगोष्ठी में सुगनजी महाराज का उपासरा, ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने कहा कि कलेंडर को जनपयोगी बनाने के लिए इसमें खरतरगच्छ के उद्भवकाल के प्रमाण, खरतरगच्छाचार्यों द्वारा प्रतिबोधित राजा-महाराजा एवं मुगल शहंशाहओं की जानकारी, भगवान महावीर के शासन के पट्ट पर श्री सुधर्मास्वामी से लगाकर पट्ट परम्परा की जानकारी, खरतरगच्छ के पूर्वाचार्यों के समय उनके संयम साधना से घटित दिव्य घटनाओं की जानकारी सहित परमात्मा के कल्याणक दिवस, आचार्य भगवंतों की पुण्य तिथियां, आचार्य पदारोहण दिवस आदि की उपयोगी जानकारियां संकलित की गई है।
ट्रस्ट के उपाध्यक्ष निर्मल पारख ने कहा कि खरतरगच्छ संघ की स्थापना 1000 साल पहले गुर्जर प्रांत की राजधानी अणहिलपुर पाटण में महाराजा दुर्लभराज की अध्यक्षता में भीमदेव की उपस्थिति में आचार्य वर्द्धमानसूरि के सुशिष्य क्रांतदर्शी आचार्य जिनेश्वर का चैत्यवासी सुराचार्य के साथ शास्त्रार्थ के बाद इसकी स्थापना की गई। वरिष्ठ श्रावक महावीर सिंह खजांची ने खरतरगच्छ परम्परा का दोहा ’’पाटे श्री वर्द्धमान ने, सूरि जिनेश्वर ठाण। बंध बुद्धिसागर थया, आर्या सरस्वती जाण’’ सुनाते हुए कलेण्डर में प्रकाशित विभिन्न जैन तीर्थों के बारे में बताया।
इस अवसर पर हस्तीमल सेठी, भीखमचंद बरड़िया, पूनमचंद नाहटा, महादेव सुराणा, मनीष नाहटा, महेन्द्र बरड़िया, सुरेन्द्र बरड़िया, मालचंद बेगानी, शांतिलाल श्री जिन कुशल सामसिक मंडल अध्यक्ष संतोष नाहटा, विचक्षण महिला मंडल की सुनीता नाहटा, कंचन बाई, विमला बाई तथा वरिष्ठ श्राविका चंद्रा नाहटा ने खरतरगच्छ खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव के तहत होने वाली नव्हाणु यात्रा, 1000 आराधकों की ओर से उपध्यान तप आदि कार्यक्रमों में भागीदारी का संकल्प दोहरया।