*आशादेवी रंगा 35वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम धूमधाम से मनाया पी.एन पैलेस में।*
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*अर्जुन राम मेघवाल ( मंत्री भारत सरकार) ने कहा कि संगठन का पहला अध्याय हम सभी ने अपने घरों में “माँ ” से सीखा है। औरत ही सामाजिक एवं पारिवारिक एकता की सूत्रधार है ।*
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बीकानेर, रविवार ! गोपेश्वर बस्ती में मास्टर भंवरलाल रंगा ( समाजसेवी ) ने अपनी पत्नी आशादेवी रंगा की 35वी पुण्यतिथि का कार्यकम रखा।
*इनके वरिष्ठ पुत्र शिव कुमार रंगा*
*( पूर्व भाजपा पार्षद एवं वर्तमान में गोचर-ओरण संरक्षण समिति संयोजक*)एवं अनुज पुत्र *लक्ष्मीकांत रंगा(हाईकोर्टअधिवक्ता)*
ने कार्यक्रम में अपनी भारतीय संस्कृति का परिचय देते हुए बैठकर भोजन करने की परम्परा पुनः स्थापित हो समाज में इस ओर बल दिया और सभी अतिथियों/ शुभचिंतकों को बिठाकर प्रसाद वितरित किया गया।
*अतिव्यस्ता में भी समय निकालकर आएं अर्जुन राम मेघवाल ( मंत्री भारत सरकार ) ने इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।*
*उन्होंने कहा कि लक्ष्मी नारायण रंगा परिवार के पौत्र हमारे शिवजी ( शिवकुमार रंगा ) ने इतना भव्य पारिवारिक कार्यक्रम रखकर वास्तव में अपनी माताश्री को एक सच्ची श्रद्धांजलि दी है ।*
आज के समय में हजारों लोगों के जनसमूह को बिठाकर भोजन करवाना कोई सामान्य बात नहीं है।
*मैं राजनेता हूँ संगठन की बात करता हूँ लेकिन संगठन होता क्या है ? ये मैंने मेरी माँ से सीखा है।*
हमारे परिवारों-समाजों को महिलाओं ने ही संगठित कर रखा है। नहीं तो इतिहास उठाकर देख लो ….
*जहाँ औरत बिगड़ी तो घर बिखरा ।*
हमें मातृशक्ति का सम्मान हमेशा करना चाहिए,
क्योंकि जहाँ महिलाओं का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है।
*शिव कुमार रंगा ने कहा कि मंत्री महोदय की सरलता ही इनकी लोकप्रियता का कारण है आज इतने बड़े ओहदे पर होने के बावजूद एक साधारण से पार्टी कार्यकर्ता के निमन्त्रण का भी मान रखते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना इनके सरलचित्त का विशिष्ट उदाहरण है।*
*नारायण दास रंगा ने कहा कि स्वर्गीय आशादेवी रंगा मेरी चाची थी मैं उन दिनों परकोटे में रहता था । चाची ने हमें माँ -सा प्यार दिया था । आज हमें परिवारों-समाजों को फिर से वो ही प्यार /मोहब्बत देना है और इन्हें रोकना है बिखरने से।*
*अधिवक्ता लक्ष्मी कांत रंगा ने बताया कि सफलता के लिए औरतों का सम्मान करना अतिआवश्यक है वो चाहें माँ हो, बहिन हो, पत्नी हो, बुआ हो। क्योंकि जब घर का माहौल शांत एवं स्नेहपूर्ण रहता है तब पुरुष उपलब्धियाँ हासिल कर पाता है।*
*रंगा राजस्थानी राहुल* *(कवि-कथाकार,रचनाकार) ने बताया कि आशा देवी रंगा मेरी माँ थी कम उम्र में उनका सृष्टि से प्रस्थान होना मेरे लिए दुखद अनुभूति रही।*
*उनके वात्सल्य में पला-बढ़ा मैं आज भी सामाजिक-पारिवारिक सौहार्द के नित्त-नए प्रयास करता रहता हूँ।*
कार्यक्रम में पारिवारिक/ सामाजिक/ राजनीतिक/ साहित्यिक/ आध्यात्मिक सभी क्षेत्रों के बुद्धिजीवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
*उपस्थित रहे बद्री नारायण रंगा ( अध्यक्ष,रंगा धरणीधर पंचायती ट्रस्ट )अश्विनी कुमार रंगा ( उपाध्यक्ष ᎡᎠᏢͲ) शक्ति रतन रंगा ( सचिव ᎡᎠᏢͲ) नारायण दास रंगा ‘शेरे'( भूतपूर्व समाजवादी नेता)कमल रंगा ( वरिष्ठ साहित्यकार ) राजेन्द्र पी.जोशी ( कवि,कथाकार)ज्योति प्रकाश रंगा ( मंच उद्घोषक)भैरूरतन रंगा सन्नू ( ᎪᎠᏙᏆՏϴᎡ ᎡᎠᏢͲ ) महावीर रांका ( पूर्व चेयरमैन ႮᏆͲ) डाॅ मोहम्मद अबरार पंवार ( ᏟᎷᎻϴ) सूरज रतन रंगा (एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ),भोजराज पुरोहित ( सेवानिवृत्त रोडवेड अधिकारी)* *रूपचंद सोनगरा ( ᏞᎬᏀᎪᏞ ᎪᎠᏙᏆՏᎬᎡ हाईकोर्ट ) सुरेन्द्र व्यास ( कोर्ट मामलात विशेषज्ञ ) अशोक मारू ( अधिवक्ता ) हरिशंकर आचार्य ( ᏢᎡϴ) गिरिराज खैरीवाल* *( शिक्षा जगत) किशोर आचार्य ( पार्षद) मधु आचार्य, मुकेश आचार्य और साथ ही* राम कुमार आचार्य, रामकुमार आचार्य, महेश आचार्य, सुरेन्द्र आचार्य, विजय रंगा संजय रंगा, हनुमान रंगा,विनोद रंगा, किशन रंगा, गिरिराज रंगा,नूतन रंगा, धनराज रंगा, मेघराज रंगा, कुंजबिहारी रंगा, रामकुमार रंगा,राजेश पुरोहित चिरंजीलाल सोनी, महेन्द्र सोनी, शिव सोलंकी, मनु टाक,भंवरलाल गहलोत, च़द्रशेखर भाटी,लोकेश दत्त आचार्य,ओमप्रकाश हर्ष,जुगल किशोर व्यास,विकास हर्ष, सुरेन्द्र जोशी, विनीत व्यास,अनिकेत हर्ष, विकास रंगा, कौशल रंगा एवं हर्षित रंगा इत्यादि *असंख्य पारिवारिक एवं सामाजिक जनाधार कार्यक्रम में उपस्थित रहा।*
✍???? *रंगा राजस्थानी राहुल*
???? *ᎻᎠ ᏟᎡᎬᎪͲᏆϴΝ……….*