बीकानेर, 26 फरवरी: आज 26 फरवरी को प्रसिद्ध पत्रकार श्री मनोहर चावला के पिता श्री रामचंद चावला जी की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर श्री चावला ने अपने पिताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए श्री चावला ने कहा, “मेरे पिताजी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी।” उन्होंने बचपन की यादों को साझा करते हुए कहा, “पिताजी के साथ बिताए हुए हर पल अनमोल थे।”
श्री चावला ने अपने पिताजी के संघर्षों और सफलताओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “विभाजन की पीड़ा सहते हुए पिताजी ने सब कुछ छोड़कर बीकानेर आकर अपना घर बसाया। रात-दिन मेहनत करके उन्होंने न केवल एक सफल व्यवसायी बनने का मुकाम हासिल किया, बल्कि बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दी और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया।”
श्री चावला ने कहा, “पिताजी हमेशा मधुर व्यवहार और सादगी के प्रतीक थे। उन्होंने मुझे सच्चाई, ईमानदारी और कड़ी मेहनत का महत्व सिखाया।”
पत्रकारिता में अपना करियर चुनने के बारे में श्री चावला ने कहा, “जब मैंने पिताजी के व्यवसाय को छोड़कर पत्रकारिता की राह चुनी, तो वे पहले थोड़े नाराज हुए, लेकिन बाद में उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया और कहा कि कलम कभी रुकनी नहीं चाहिए।”
श्री चावला ने कहा, “आज 26 साल हो गए पिताजी को यह लोक छोड़े हुए, लेकिन कोई दिन ऐसा नहीं रहा जब वे मेरे साथ न हों। वे हमेशा अदृश्य रूप में मुझे सही रास्ता दिखाते रहे हैं।”
भावुकता में श्री चावला ने कहा, “आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
श्री रामचंद चावला जी के जीवन और व्यक्तित्व की कुछ झलकियां:
- विभाजन के दौरान सब कुछ छोड़कर बीकानेर आकर अपना घर बसाया।
- रात-दिन मेहनत करके एक सफल व्यवसायी बने।
- बच्चों को अच्छी शिक्षा दी और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया।
- धर्मशाला और गौशाला के नाम पर काफी खर्च किया।
- मधुर व्यवहार और सादगी के प्रतीक थे।
- कड़ी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हुए सफलताओं की ऊंचाइयों को छूते गए।
यह भावुक श्रद्धांजलि श्री रामचंद चावला जी के प्रति श्री मनोहर चावला के प्रेम और सम्मान का प्रतीक है।
आपको बता दें कि मनोहर चावला पत्रकार हैं और उनका बीकानेर एक्सप्रेस नाम से अखबार भी है।