बीकानेर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय ने बुधवार को एम ए (म्यूजिक) फाइनल का परिणाम घोषित किया, जिसमें गंगानगर के चौधरी बल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्रा सरिता व्यास ने 82.8 प्रतिशत अंकों के साथ सफलता प्राप्त की। खास बात यह है कि बीकानेर मूल की जवाहर नगर निवासी सरिता ने 22 साल बाद अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू की थी और यह उनकी कठिन परिश्रम और समर्पण का नतीजा है।
सरिता व्यास ने पहले अपनी बड़ी बेटी वैशाली व्यास की शिक्षा का ध्यान रखा और उसके लिए फीस भरकर उसे पढ़ाया। जब वैशाली शिक्षित हो गईं और जॉब लग गई, तो उसने अपनी मम्मी की फीस भरकर एम ए की पढ़ाई में मदद की। इस प्रकार, परिवार के सहयोग और समर्थन ने सरिता को अपनी शिक्षा को पुनः प्रारंभ करने में सक्षम बनाया।
सरिता ने घर-परिवार और बिजनेस दोनों को संभालते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी। प्रतिकूल स्वास्थ्य और परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने शिक्षा की ओर लौटने का साहसिक निर्णय लिया और अपनी कड़ी मेहनत और संकल्प के माध्यम से यह सफलता हासिल की।
सरिता अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के बड़े बुजुर्गों, गुरुजी नारायण जी रंगा और म्यूजिक टीचर पुष्पा खन्ना को देती हैं। उन्होंने विशेष रूप से अपने पति राजेश रतन व्यास, का धन्यवाद दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया और हर मुश्किल को आसान बनाया। सरिता के पिता स्व. बृजमोहन पुरोहित का सपना था कि बेटियां शिक्षा क्षेत्र में प्रदर्शन कर समाज का नाम रोशन करें और सासु मांं स्व. पुष्पा रानी व्यास के आशीर्वाद से जो आज पूरा हुआ।
बता दें कि हाल ही में, सरिता को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में आयोजित युगल गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने सम्मानित किया था। यह सम्मान उनके संगीत के प्रति समर्पण और मेहनत का प्रमाण है।
सरिता व्यास की यह प्रेरणादायक कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता की दास्तान है, बल्कि यह उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन में किसी भी मोड़ पर अपने सपनों को साकार करने की चाह रखते हैं।