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नाल में भगवान मुनिव्रत स्वामी व अन्य दो तीर्थंकरों कीनूतन मंदिर में स्थापना 7 को
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बीकानेर, 4 जुलाई। आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी व मुनिवृंद के सान्निध्य में नाल दादाबाड़ी के पीछे स्थित श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल श्री संघ खरतरगच्छ ट्रस्ट की ओर से संचालित तीर्थंकर भगवान मुनिव्रत स्वामी व दो अन्य तीर्थंकर भगवान की प्रतिमाओं को 7 जुलाई को नूतन मंदिर में स्थापित किया जाएगा। पुराना मंदिर अधिक जीर्णशीर्ण होने से नया मंदिर बनवाया गया है।
श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल श्री संघ खरतरगच्छ ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा ने बताया कि आचार्यश्री व मुनिवृंद 6 जुलाई को ढढ्ढों के चौक से प्रस्थान कर नाल पहुंचेंगे। उनके सान्निध्य में रविवार को सुबह साढ़े पांच बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
नाहटा ने बताया कि नए शिखरबंद जिनालय तीर्थंकर भगवान मुनि सुव्रत स्वामी के महामंगलकारी गर्भगृह प्रवेश के कार्यक्रम 7 जुलाई को सुबह 5.54 बजे शुक्र उत्सव, स्नात्र पूजा से शुरू होंगे। सुबह 6.36 बजे नवग्रह, दशदिग्पाल, अष्ट मंगल, क्षेत्रपाल सहित अधिष्ठायक व सह-देवी देवताओं का पूजन, सुबह पौने नौ बजे गर्भगृह प्रवेश विधान प्रारंभ होगा। श्रावक-श्राविकाओं के लिए नवकारसी व स्वामी वात्सल्य तथा रांगड़ी चौक से नाल तक ले जाने व लाने की व्यवस्था रहेगी।
उन्होंने बताया कि नये मंदिर का निर्माण कार्य धरमपुर गुजरात के श्रीमद् राजचंद्र मिशन के संस्थापक गुरुदेवश्री राकेश भाई जवेरी की प्रेरणा व सहयोग से 2012 में शुरू किया गया था। मंदिर का निर्माण सुश्रावक पुरखचंद, धनराज, दीपचंद डागा परिवार के वीरमती देवी धर्म पत्नी स्वर्गीय भंवर लालजी डागा परिवार के बीकानेर निवासी मुंबई प्रवासी अभय डागा-साधना देवी डागा परिवार ने करवाया है। मंदिर का निर्माण शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर सहित देश विदेश में अनेक स्थानों पर जैन मंदिरों का निर्माण करवाने वाले अहमदाबाद के पुरोहित कमलेश भाई सोमपुरा की देखरेख में जैन वास्तुकला के अनुसार मकराना के सफेद संगमरमर से बनाया गया है।
मंदिर निर्माण का लाभ लेने वाले मुम्बई प्रवासी बीकानेर निवासी अभय डागा ने बताया पुराने मंदिर में मुनिव्रत स्वामी सहित तीन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं है, दो प्रतिमाओं के लाछंन स्पष्ट दिखाई नहीं देने से पता नहीं चल रहा कि किन तीर्थंकर भगवान की है। विशेषज्ञों व विद्धानों से मूर्तियों की जानकारी लेने के प्रयास किए जा रहे है।
डागा ने बताया कि श्रीमद् राजचन्द्र मिशन धरमपुर के संस्थापक गुरुदेव राकेश भाई जवेरी 2011 में 850 श्रावक-श्राविकाओं के संघ के साथ बीकानेर आए थे। उनके कर कमलों से नाहटा चौक के भगवानश्री शांतिनाथ जिनालय में गणिवर्य श्रीमद् देवचंदजी महाराज के चरण पादूकाओं की स्थापना की गई। तीन-चार शताब्दी पूर्व निकटवर्ती गांव शोभासर मेंं लूणिया परिवार में जन्में देव चंदजी महाराज चौथे दादा गुरुदेव जिनचन्द्र सूरी की आचार्य शाखा में दीक्षित हुए । उन्होंने 24 तीर्थंकरों, जिनेश्वर भगवान की स्तुति में 24 जिन स्तवनों की रचना की थी। सभी स्तवन धर्म-आध्यात्म से परिपूर्ण होने के कारण श्रावक-श्राविकाएं देश भर में पूजा-स्तुति के दौरान गाते है। गुरुदेव राकेश भाई की प्रेरणा से प्राचीन भांडाशाह मंदिर में भी जीर्णोंद्धार कार्य में भी सहयोग किया गया।
वाहन व नवकारसी
बीकानेर से श्रावक-श्राविकाओं को नाल तक ले जाने व वापस लाने के लिए रांगड़ी के चौक में रविवार सुबह पांच बजे से ही वाहन व्यवस्था रहेगी। नाल में नवकारसी व पूजा के बाद स्वामी वात्सलय का आयोजन होगा।


शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर
सामूहिक स्नात्र महोत्सव, पूंच कल्याणक पूजा 7 को
बीकानेर, 4 जुलाई। शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर मं रविवार को सुबह सात बजे सामूहिक स्नात्र महोत्सव व साढ़े दस बजे भगवानश्री गंगश्वर पार्श्वनाथ पंच कल्याणक पूजा, उसके बाद प्रसाद का आयोजन होगा।

जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ युवा परिषद से सम्बद्ध ज्ञान वाटिका के बालक-बालिकाएं श्रीमती सुनीता नाहटा, रविवारीय जिनालय दर्शन वंदन व स्नात्र पूजा अभियान के समन्वयक पवनजी खजांची व ज्ञानजी सेठिया के नेतृत्व में की जाएगी। पूजा का लाभ सुश्रावक सुन्दरलाल, सुश्राविका भंवरी देवी,सुन्दर देवी सेठी परिवार के मूलचंद मंजू देवी, हस्तीमल, प्रदीप कुमार-इंदू देवी सेठी परिवार ने लिया है। श्रावक-श्राविकाओं को शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर तक ले जाने के लिए रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे के पास से वाहन की व्यवस्था की गई है।

जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मुनिवृंद का प्रवेश 7 को
बीकानेर, 4 जुलाई। गच्छाधिपतिश्री, जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के आज्ञानुवर्ती, जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मुनि श्वेतानंद व पुष्पेन्द्र विजय म.सा. का चातुर्मासिक प्रवेश 7 जुलाई रविवार को कोचरों की दादाबाड़ी से रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला तक जिनालयों में चैत्यवंदन दर्शन करते हुए गाजे बाजे से होगा।

मुनिवृंद के चातुर्मास प्रवेश के कार्यक्रम को गुरुवार को चातुर्मास व्यवस्था कमेटी के सदस्य श्री आत्मानंद जैन सभा के मंत्री लीलम सिपानी, सुरेन्द्र बद्धाणी, शांति लाल सेठिया,शांति लाल भंसाली व शांति लाल कोचर आदि वरिष्ठ श्रावको ंने मुनिवृंद के चातुर्मासिक प्रवेश के कार्यक्रम की श्रेष्ठ रूप रेखा तैयार की । आयोजन से जुड़े शांति लाल कोचर ने बताया कि मुनिश्री 6 जुलाई को बीछवाल से कोचरों की दादाबाड़ी पहुंचेंगे। उनकी चातुर्मासिक प्रवेश शोभायात्रा कोचरों की दादाबाड़ी से रवाना होकर बड़ा बाजार, बैदों का महावीरजी मंदिर बांठिया चौक, आसानियों का चौक पदम प्रभु के मंदिर के आगे से होते हुए रांगड़ी चौक के तपागच्छीय उपासरे में पहुंचकर संपन्न होगी।

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Prakash Samsukha

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