बीकानेर, 23 जुलाई। खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने मंगलवार को विधानसभा में अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को सोलर प्लांट के लिए भूमि लीज पर देने से पूर्व इसके कन्वर्जेंस की प्रक्रिया में छूट अथवा इसका सरलीकरण करने की मांग की।
खाजूवाला विधायक ने बताया कि खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में गति तीन-चार वर्षो से बड़ी संख्या में सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। हाल ही के बजट में राज्य सरकार द्वारा छत्तरगढ़ और पूगल में सोलर पार्क स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार जताया और कहा कि राज्य सरकार द्वारा सोलर प्लांट के लिए निजी कंपनियों को भूमि आवंटित की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार यह भूमि स्थानीय किसानों और पाक विस्थापितों को कंपनी की दर पर ही प्राथमिकता से आवंटित करें, तो इन किसानों द्वारा निजी सोलर कंपनियों को यह भूमि लीज पर दी सकेगी। इससे राज्य सरकार को राजस्व हानि नहीं होगी वहीं किसानों के आर्थिक स्तर में सुधार आएगा।
उन्होंने बताया कि निजी सोलर कंपनियों द्वारा टीनेंसी एक्ट 1955 की धारा 46 का हवाला देकर अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों की जमीन लीज पर लेते समय उस भूमि का कन्वर्जन होना जरूरी बताते हैं। यह प्रक्रिया गरीब किसान के लिए बेहद जटिल होती है, क्योंकि जिला और उपखंड स्तर के राजस्व अधिकारियों को बीस बीघा से अधिक भूमि के कन्वर्जन का अधिकार नहीं होता। इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। इसमें छह से 12 महीने लगते हैं। मध्यस्थ लोग इसका दुरुपयोग करते हैं। इससे किसानों के समय और धन दोनों व्यर्थ जाते हैं। विधायक डॉ. मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के प्रति संवेदनशील है। इसके मध्यनजर सरकार द्वारा एससी-एसटी के किसानों द्वारा लीज पर दी जाने वाली भूमि की कन्वर्जन प्रक्रिया में छूट दी जाए अथवा इसका सरलीकरण किया जाए।