आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी जिनालयों में दर्शन वंदन
करते हुए उदयरामसर पहुंचे, दादा गुरुदेव का मेला आज
बीकानेर, 17 सितम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी मंगलवार रेल दादाबाड़ी, आसोपा धोरे के भगवान पार्श्वनाथ मंदिर, उदयरामसर के भगवान कुंन्तुनाथ मंदिर में चैत्यवंदन करते हुए श्रावक-श्राविकाओं के साथ उदयरामसर पहुंचे। आचार्यश्री व उनके सहवृति 8 मुनियों ने दादाबाड़ी व दादाबाड़ी परिसर के मंदिर में भी वंदना की ।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि आचार्यश्री को रास्ते में अनेक स्थानों पर श्रावक-श्राविकाओं ने गंवली सजाकर व जयकारा लगाकर स्वागत वंदन किया। आचार्यश्री ने देशनोक की अट्ठाई करने वाली 13 वर्षीय बालिका लब्धी सुराणा पुत्री जयंत-ज्योति सुराणा को आशीर्वाद दिया तथा तपस्या की अनुमोदना की। आचार्यश्री के सान्निध्य में बुधवार को दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा भक्ति संगीत के साथ होगी। पूजा से पूर्व सुबह दादाबाड़ी में भीखमचंद श्रीपाल नाहटा परिवार की ओर से स्नात्र पूजा की जाएगी। आयोजन से जुड़े पवन खजांची ने बताया कि ज्ञान वाटिका के बच्चों के साथ अनेक श्रावक-श्राविकाएं पूजा में शामिल होंगे।
धारीवाल ने बताया कि श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में सकलश्री संघ के सहयोग से उदयरामसर की दादाबाड़ी में हिस्सा लेने तथा गुरु युवा जागिति परिषद की ओर से मंगलवार रात को होने वाली भक्ति संगीत संध्या में हिस्सा लेने के लिए बसों व विभिन्न वाहनों से श्रावक-श्राविकाएं उदयरामसर दादाबाड़ी पहुंच गए। गुरु युवा जागृति परिषद ने बीकानेर के ख्याति नाम वरिष्ठ कलाकार मगन कोचर, देश के जैन भजनों के ख्यातिनाम कलाकार भिवंडी, महाराष्ट्र के हर्षित शाह, मुंबई के जैनम वारिया भजन प्रस्तुत करेंगे।
धारीवाल ने बताया कि मेले में जैन श्वेताम्बर के सभी पंथ यथा खरतरगच्छ, पार्श्वचन्द्र गच्छ, तपागच्छ, तेरापंथ, साधुमार्गी जैन संघ, शांत क्रांत संघ के श्रावक-श्राविकाएं शामिल होंगे। सभी श्रावक-श्राविकाएं एक दूसरे से मिलकर वर्ष भर में हुइ्र्र्र भूलों व गलतियों के लिए क्षमा याचना करेंगे । जैन समाज की एकता के इस प्रतीक जैन समाज के सबसे बड़े मेले में देश के विभिन्न इलाकों में प्रवास कर रहे बीकानेर मूल के साथ नोखा, देशनोक, लूणकरनसर, गंगाशहर, भीनासर,, बीकानेर उदासर व नाल आदि स्थानों के श्रावक-श्राविकाएं शामिल होंगे। सभी श्रावक-श्राविकाओं के लिए प्रसाद, बैठने के लिए करीब 25 हजार फीट टैंट, लाइट, पेयजल व सामूहिक प्रसाद की व्यवस्था की गई है। मंगलवार को ही मेला स्थल पर झूले, खिलौनो, खान पान की वस्तुओं की अनेक स्टॉलें लग गई है। बुधवार को अनेक श्रावक-श्राविकाएं ऊ्रट गाड़ों व विभिन्न वाहनों से उदयरामसर पहुंचंगे।