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“प्रेक्षा ध्यान का अभ्यास हमें आत्म साक्षात्कार और आत्म सुधार की ओर ले जाता है” उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी
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“प्रेक्षा ध्यान का अभ्यास हमें आत्म साक्षात्कार और आत्म सुधार की ओर ले जाता है” उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी

21 अप्रैल 2025 

“प्रेक्षा ध्यान का अभ्यास हमें आत्म साक्षात्कार और आत्म सुधार की ओर ले जाता है”

उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी

आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, नैतिकता का शक्तिपीठ द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रेक्षा ध्यान शिविर के संभागी साधकों को संबोधित करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवृति उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी ने फरमाया कि प्रेक्षा ध्यान एक ध्यान की तकनीक है जो जैन दर्शन पर आधारित है जिसका उद्देश्य मन को शुद्ध करना, स्वयं को जानना और आत्म साक्षात् करना है । ध्यान के माध्यम से हम नकारात्मक विचारों और भावनाओं से मुक्त होकर मन को शुद्ध कर सकते है । मुनिश्री ने फरमाया कि आदमी को प्रतिक्रिया से बचना चाहिए और शुभ भाव में रहते हुए अपनी दिनचर्या में ध्यान का अभ्यास बढ़ाना चाहिए

शिविर का शुभारंभ मुनिश्री कमलकुमार जी और मुनिश्री श्रेयांशकुमार जी के सानिध्य में प्रातः 5:15 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक आयोजित किया गया इस शिविर में सामायिक, अर्हत वंदना, प्रार्थना, वृहद मंगल पाठ के साथ योगाभ्यास, आसन, प्राणायाम, ध्यान कायोत्सर्ग एवं अनुप्रेक्षा का प्रयोग करवाया गया. प्रेक्षा ध्यान के प्रशिक्षक धीरेंद्र बोथरा एवं श्रीमती संजू लालानी के द्वारा विभिन्न सत्रों में ये सब आयोजित किया गया श्रीमती मुक्ता सेठिया ने महिला संभागियों को योगाभ्यास करवाया इस एक दिवसीय शिविर में कल 61 साधकों ने भाग लिया सारे संभागियों द्वारा 400 से अधिक सामायिक साधना की गई जिसमें पांच उपवास एवं एक एकासन तप भी किया गया. ज्योति चौधरी ने डिप्रेशन से बचने के बारे में व्याख्यान दिया

शिविर में जिज्ञासा और समाधान का क्रम भी आयोजित किया गया जिसमें कई जनों ने अपने विचार व्यक्त किये . ताराचंद मरोठी ने ने 12 सामायिक की, इंदरचंद सेठिया ने कहा कि प्रेक्षाध्यान विचारों और चेतना को शुद्ध करने का प्रयोग है आत्म साक्षात्कार का प्रयोग भी भाव क्रिया के बारे में समझने का मौका मिला, सुंदरलाल छाजेड़ ने बताया कि शिविर को शुरू से लेकर अंत तक पालन करना चाहिए, किरणचंद लूनिया ने कहा कि अभय की अनुप्रक्षा की और कायोत्सर्ग अभय की अनुप्रक्षा करने की अनुभूति हुई बहुत ही अच्छा लगा, अभिषेक पुरोहित ने बताया कि आज का दिन अलौकिक रहा पहली बाहर प्रेक्षाध्यान शिविर में भाग लेने का मौका मिला बहुत ही शांति अनुभव की प्रेक्षाधयान के बारे में जानने का मौका मिला महसूस हुआ कि आत्मा से साक्षात्कार हो रहा है मोबाइल से परहेज रखा शुद्ध सात्विक भोजन करने से नई ऊर्जा मिली..

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Prakash Samsukha

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