- गोचर दीवार निर्माण के लिए दानदाताओं का गुप्तदान पर जोर
- धरना स्थल पर पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि दी
बीकानेर । गोचर , ओरण व चारागाह की जमीन पर कब्जों को नियमन करने के राज्य सरकार के फैसले के बाद से बीकानेर में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी का शरह नथानियान गोचर भूमि में चल रहा बेमियादी धरना के 33 वे जारी रहा । धरना स्थल पर हजारों की तादाद में ग्रामीण व शहरी जनता भाटी को समर्थन देने पहुंच रही है । वही आज धरना स्थल पर साध्वी कपिला गोपाल दीदी अपने अनुयायियों के साथ पहुंची । कानासर गौशाला के महन्त भावनाथ जी महाराज सहित अनेक गौ भक्त धरना स्थल पर पहुंचे ।
गोचर भूमि पर दीवार निर्माण में सहयोग देने के लिए भामाशाहों में होड़ मची हुई है । सोमवार को आशाराम पुत्र राज कुमार मोदी 1 लाख 50 हजार रूपये , भवानी सिंह सुरनाणा 55 हजार रूपये , गोपाल कृष्ण तिवाड़ी खाजूवाला , तुलसी देवी पत्नि स्व , कानाराम की स्मृति में 21-21 हजार रूपये , बदीनारायण डागा बरसलपुर 11 हजार रूपये , जेठीदेवी प्रजापत 75 सौ रूपये , बच्चनसिंह मण्डाल , धापु देवी गहलोत 51-51 सौ रूपये , मांगीलाल नागल 21 सौ रूपये पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी को दीवार निर्माण के लिए भेंट किये ।
वही भागवत कथा श्रवण करने आयी महिलाओं द्वारा इस पुनीत कार्य के लिए हजारों रूपयों का गुप्तदान किया गया । धरना स्थल पर आज भागवत कथा आरम्भ होने से पूर्व दो मिनट का मौन रख कर पुलवामा में देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किये ।
भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि आज भागवत कथा में कथा का पूजन गणेशमल – नख्तीदेवी चांडक दम्पति द्वारा किया गया । श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिन बालसंत श्रीछल बिहारी जी महाराज ने आज कथा में उद्धव गोपी प्रसंग की मार्मिक प्रसंग पर व्याख्यान दिया । उद्धव के ज्ञान के अभिमान को भक्ति के रंग लगाकर प्रेममय बनाने की कथा को सुनकर उपस्थित गौ प्रेमी श्रद्धालुओं की आंखों में अभुरधारा बहने लगी । कथा में कृष्ण रूक्मणी विवाह प्रसंग पर व्याख्यान दिया गया ।
आज साध्वी कपिला गोपाल दीदी ने खचाखच भरे पंडाल में कहा कि गोचर भूमि पर हो रहे अतिक्रमण करने वाले तो अपराधी है ही वही इस अनर्थ को मौन रह कर चुपचाप देखने वाले भी पाप के भागीदार होगें । इसका फल उन्हें इसी जन्म में भुगतना पड़ेगा । साध्वी ने कहा जो काम मुगलों व अंग्रेजों ने नहीं किया वैसा काम वर्तमान की राज्य सरकार ने किया है । संत समाज इसकी घोर निन्दा करता है । वही देवी सिंह भाटी जैसे राजनेता जो गायों के लिए पिछले एक माह से अधिक समय से धरने पर बैठे है ये किसी ईश्वरीय प्रेरणा का ही परिणाम है । साध्वी ने कहा कि गांविन्द का मन भी गार्यों से ही प्रसन्न होता था जब तक वे गायों के साथ रहे उनकी बासुरी मधुर स्वर निकालती रही लेकिन जैसे ही गाय छुटी बासुरी भी छूट गयी ।
कानासर गौशाला के महन्त भावनाथ जी महाराज ने कहा कि महाराजा गंगासिंह के बाद गोचर व गौ धन के प्रति कोई संवेदनशील है तो वो आज एक माह से धरना दे रहे देवी सिंह भाटी है । उन्होंने भाटी को सुझाव दिया कि दीवार निर्माण पूर्ण होने पर दीवार पर गौ माता फोटो प्रति किलोमीटर पर लगावें ।
आज धरना स्थल पर आये हजारों गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री भाटी ने कहा कि राज्य सरकार ने गत दिसम्बर में गोचर , ओरण व चारागाह भूमि पर कब्जों को नियमन कर पट्टे देने का आदेश दिया । ये आदेश सिर्फ सरकारी कागज नहीं है सीधा – सीधा संस्कृति पर हमला है । दानदाताओं ने गौ वंश के चरने के लिए जमीन दान में दी थी लेकिन सरकार में बैठे उसके कारिन्दें इस जमीन पर डाका डालना चाहते है लेकिन अब सनातनी समाज जाग उठा है इसलिए सरकार को गोचर संरक्षण के लिए नये सिरे से सोचने के लिए विवश होना ही पड़ेगा । भाटी ने कहा गाय , गोचर के लिए मरमिट जायेगें लेकिन इस भूमि पर आंच नहीं आने देगें । भाटी ने कहा कि पंचगव्य से निर्मित आशन , खडाऊ , दीपक जैसी सनातनियों के उपयोग में आने वाली वस्तुएँ गौ धन मित्र के महेन्द्र जोशी के प्रयासों की सराहना की ।
इस अवसर पर रामकिशन आचार्य पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा , अंशुमानसिंह भाटी व समाजसेवी देवकिशन चांडक , ओमप्रकाश कुलरिया ने इस पुनीत कार्य में सहयोग देने वालों का आभार जताया । आज धरना पर आने वालों में मुख्य रूप से रूख्मणी देवी पुरोहित कोलायत , बालकिशन थानवी पूर्व सरपंच बरसलपुर , पूर्व पार्षद श्याम सुन्दर चांडक , ओमप्रकाश व्यास , देवराज भाटी , जेठुसिंह राठौड़ , शिवजी उपाध्याय , महेश पुरोहित कोलायत आदि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र से गौ प्रेमियों का दिन भर आना जाना जारी रहा ।