जेठ की दुपहरी
तपती जेठ की दोपहरी में
रेतीला धोरा मान करें
पलक पांवड़े राह बिछाकर
मेहमानां रों सम्मान करें
शेखावाटी के ठाठ निराले
आन बान और शान सदा
रंग रंगीलो राजपूतानो
स्वाभिमान से भरी अदा
पद्मिनी को जौहर सांचो है
चंदन क्रो बलिदान जहां
वीर पराक्रमी राणा प्रताप
चेतक रो गूंजे गुणगान यहां
शीश काटकर क्षत्राणी देती
मीरा रो बसे भगवान यहां
मीठी बोली अंदाज निराला
सेठ साहूकार धनवान यहां
आ वीरां री प्यारी धरती है
बसे प्यारो राजस्थान जहां
अमर सपूत जनमे माटी में
आन बान और शान यहां
रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थान