भैरव अष्टमी महोत्सव प्रथम दिन
‘भैरुं नाथ मोटो धणी’ व ‘भैरव नाथ दाता दया मुझ पर कीजिए’ स्तुति से जन्मोत्सव शुरू हुआ।
बीकानेर। रमक झमक स्थित भैरव दरबार में
तीन दिवसीय भैरव जन्मोत्सव( भैरव अष्टमी महोत्सव) गुरुवार को शुरू हुआ। रमक झमक के अध्यक्ष एवं भैरव साधक प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि महोत्सव के प्रथम दिन काल भैरव स्तोत्र,रूद्र सूक्त एवं भैरव नाथ के मंत्र ॐ ह्रीं भैरवाय नमः द्वारा का पंडित गणेश छंगानी के आचार्यत्व में भैरवनाथ का केशु अर्क, गुलाबजल,पंच पुष्प अर्क,पंचामृत,तिल के तेल से प्रथक प्रथक अभिषेक किया गया।भैरव कष्ट हरम,चण्डम प्रति चण्डम, भैरव स्तुति ‘बटुक भैरव नाथ दाता दया मुझ पर कीजिए, मैं द्वार तेरे आ गया अब शरण में रख लीजिए तथा ‘भैरुं नाथ मोटो धणी करे भक्तन री सहाय,हाथ जोड़े दुखड़ो हरे फिर मन इच्छा फल पाय’ दोहों की प्रस्तुति हुई।साथ ही तेल सिंदूर बर्क,केशर चंदन से श्रृंगार किया गया।शुक्रवार को रमक झमक स्थित भैरव दरबार में खुरमानी, बादाम,काजू, अखरोट,पिस्ता, तालमखाना, सट्टा,इमरती, मिश्री, इलायची, किशमिश एवं पुष्प आदि से भैरवनाथ के सहस्रनामावली से अर्चन होगा। तांबे के पात्र में दूध गुड़ मिलाकर तौयार की गई अमृत मदिरा चढ़ाई जाएगी। 101 मोदक का भोग लगाया जाएगा जिसे बटुकों को दिया जाएगा। काला गौरा भैरव स्वरूप मानकर 2 बटुकों का पूजन किया जाएगा। साथ ही भैरव महिमा उसके व्रत पूजन के लाभ एवं नवग्रह शांति तथा कलयुग में भैरव किस प्रकार शीघ्र फल देने में सक्षम है इस पर प्रवचन होगा। भैरव नाथ के अनन्य भक्त स्व श्री छोटुजी ओझा द्वारा रचित एवं गायी गई भैरव तुम्बड़ी गाई जाएगी तथा दर्शनार्थियों को ‘भैरव तुम्बड़ी’पुस्तक निःशुक वितरित की जाएगी।
प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया शाम को दीप माला भी की जाएगी।