राजस्थान के जयपुर में बना है नए संसद भवन का अशोक स्तंभ, पांच महीने में तैयार हुए 150 टुकड़े, जोड़ने में लगे दो महीने
मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर लगे जिस राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया उसे जयपुर में बनाया गया है। इसे बनाने में पांच महीने का समय लगा और नए ससंद भवन की छत पर लगाने में दो महीने लगे। इसके निर्माण के पीछे जयपुर के लक्ष्मण व्यास, उनके बेटे गौतम व्यास और कारीगरों की एक मजबूत टीम की कड़ी मेहनत है। अशोक स्तंभ का निर्माण जयपुर स्थित बिंदायका औद्योगिक क्षेत्र की लक्ष्मण व्यास की फैक्ट्री में हुआ है। अमर उजाला से बात करते हुए लक्ष्मण व्यास ने बताया कि नए संसद भवन का काम टाटा कंपनी को मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा थी कि राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का पूरा काम मेक इन इंडिया के तहत होना चाहिए। इसके बाद टाटा समूह के अधिकारियों ने ऐसे व्यक्ति की तलाश शुरू की जो इसे भारत में बना सके। उनकी यह तलाश जयपुर में मेरे पास आकर खत्म हुई। लक्ष्मण व्यास ने इससे पहले महाराणा प्रताप, दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थित हाथियों का निर्माण भी किया था। उनका काम देखने के बाद टाटा समूह ने इसे बनाने की जिम्मेदारी उन्हें दे दी। व्यास ने बताया कि इस अशोक स्तंभ को बनाने में पांच महीने लगे। इस दौरान उन्होंने और उनके बेटे गौतम और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने बताया कि इन अशोक स्तंभ को कॉपर से बनाया गया है। इसमें कभी जंग नहीं लग सकती। 9 हजार 620 किलो के अशोक स्तंभ को 150 टुकड़ों में बनाया गया है। इसकी लंबाई 6.5 मीटर है। इसके चारों ओर लगे स्टील के सपोर्टिंग स्ट्रक्चर का वजन 6500 किलो के करीब है। लक्ष्मण व्यास ने बताया कि अशोक स्तंभ को संसद भवन की छत पर लगाने में दो महीने का समय लगा।