हिंदू धर्म में पूजन में विशेष सावधानियां रखी जाती है अगर इस में कोई गलतियां हो जाती है तो उसके प्रायश्चित का भी उपाय करना होता है लेकिन आप अगर थोड़ी-थोड़ी बातों का ध्यान रखेंगे तो गलतियां नहीं कर पाएंगे अधिकांश देखा गया कि एक सबसे बड़ी गलती है रहती है कि जब भी पूजन करते हैं तो हम खुले सिर यानी सिर पर पगड़ी या कुछ भी नहीं होता है जिसके कारण वह पूजा स्वीकार नहीं होती है इसलिए पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हमें अपने सिर पर साफा पगड़ी या कपड़ा कोई ऐसी चीज रखे जिससे सर के बाल ढके जा सके हो और फिर पूजा करनी चाहिए क्योंकि वह पूजा तभी सफल मानी जाती है जब सर पर बाल खुले ना हो।
साफा की बात करें तो बीकानेर में ढाई सौ से लेकर 500 तक के साफे मिल जाते हैं और पगड़ी ₹100 से लेकर ₹250 तक की मिल जाती है।
और अधिकांश घरों में साफा,पगड़ी होती ही है लेकिन जानकारी के अभाव में लगाते नहीं हैं इसलिए पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें अपने सर को जरूर ढके ।पुरुष साफा या पगड़ी से और महिला अपने पल्लू से सिर को ढक लें ।
- पूजा के लिए स्थापित की गई मूर्तियों का मुख पूर्व की ओर होना चाहिए. पूजा करने वालों को उत्तर की ओर पीठ करके बैठना होता है.
- दिवाली के दौरान अपने घर और ऑफिस को साफ और अच्छी तरह से सजाएं. देवी लक्ष्मी को साफ वातावरण प्रिय है.
- पूजा में कीमती सामान, जैसे सोना, चांदी, हीरे और अन्य चीजें रखें. यह कार्य सौभाग्य ला सकता है. पूजा में अपने बिजनेस या पढ़ाई से संबंधित वस्तुओं, लेखा पुस्तकों और अन्य वस्तुओं को शामिल करना भी एक अच्छा विचार है.
- अपने घरों में सफलता, धन और खुशियां लाने के लिए, सामने के दरवाजे के दोनों ओर मांगलिक कलश के ऊपर एक पूरा बिना छिला नारियल रखें. यह शुभ माना जाता है.
- सुनिश्चित करें कि, दिवाली पूजा प्रदोषकाल के दौरान की जाए. मूर्ति को एक कॉफी टेबल या फर्श से ऊपर उठी हुई जगह पर रखें. मेज पर एक लाल कपड़ा बिछाएं जिसे साफ और इस्त्री किया गया हो. उसके बाद, लाल कपड़े के बीच में कुछ मुट्ठी चावल के दाने रखें. फिर मूर्ति को साफ पानी से धोकर पोंछ लें. पोंछने के बाद मूर्ति को वापस कलश के पास रख दें.
दिवाली पर क्या न करें
- त्योहार में किसी को लैदर से बना तोहफा, धारदार तोहफा और पटाखे जैसी चीजें न दें. इसे अशुभ माना जाता है इसलिए इन वस्तुओं को उपहार में देने से बचें.
- दिवाली के दौरान घर में मांसाहारी खाना न बनाएं और न ही इसका सेवन करें. दिवाली के दौरान शराब का सेवन भी न करें.
- लक्ष्मी की पूजा के समय तालियां नहीं बजानी चाहिए. आरती बहुत तेज आवाज में नहीं गाएं. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी शोर से घृणा करती हैं. मां लक्ष्मी शांति प्रिय हैं, इसलिए परिवार के सदस्यों के बीच झगड़ा नहीं होना चाहिए. लक्ष्मी मां की अकेले पूजा ना करें. भगवान विष्णु के बिना उनका पूजन अधूरा माना जाता है.
- धन संबंधी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों. दिवाली के त्योहार पर कभी भी कर्ज न लें और न ही उधार लें. सूर्यास्त के बाद कभी भी किसी को कुछ न बांटें.
- दिवाली पूजा स्थल को कभी भी रात भर खाली न छोड़ें. उसमें इतना घी या तेल डाले की वह पूरी रात जलता रहें.
इन गलतियों से रहें सावधान
- देर से जागने की गलती
दिवाली के दिन सुबह देर तक सोते ना रह जाएं. जल्दी उठें और पूजा-पाठ करें. दिवाली के दिन नाखून काटना, शेविंग जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं.
- मूर्ति स्थापना
मूर्तियों को एक निश्चित क्रम में रखें. बाएं से दाएं भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, भगवान विष्णु, मां सरस्वती और मां काली की मूर्तियां रखें. इसके बाद लक्ष्मण जी, श्रीराम और मां सीता की मूर्ति रखें.
- भगवान गणेश की सूंड
गणेश भगवान की ऐसी मूर्ति पूजा कक्ष में ना रखें जिसमें वह बैठी हुई मुद्रा में ना हों और उनकी सूंड दायीं तरफ ना हो. ज्यादा से ज्यादा लाल रंग का प्रयोग करें. दीया, कैंडल्स, लाइट्स और लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल करें. दिवाली पूजा की शुरुआत विघ्नकर्ता भगवान गणेश की पूजा के साथ करें.
- बिखरा हुआ घर
दिवाली की पूजा के बाद पूजा कक्ष को बिखरा हुआ ना छोड़ दें. इस दिन साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें.