बीकानेर से सैंकड़ों कार्यकर्ता लेंगें भाग
बीकानेर 17 दिसंबर। अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुण्ड पर 51 फीट अष्टधातु मूर्ति स्थापना की सुचना एवं भगवान परशुराम के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने को कांचिपुरम तमिलनाडु से निकला *भगवान परशुराम कुंड आमंत्रण यात्रा अमृत भारत रथ* प्रथम चरण में 61 दिनों की यात्रा पूरी कर 8 जनवरी को राजधानी जयपुर पहुंचेगा। रथ के जयपुर आगमन के दिन विप्र फाउंडेशन जय जय परशुराम नामक महामहोत्सव आयोजन करने जा रहा है। इस महामहोत्सव में संत समागम, वैदिक अनुष्ठानी आचार्य, विद्वतगणों सहित प्रदेश भर से हजारों विप्रजन जुटेंगे वहीं देशभर से भी संगठन से जुड़े विप्रजन महामहोत्सव में जयपुर पहुंचेगें।
विफा जोन 1 बी राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष भंवर पुरोहित ने बताया कि कांचिपुरम तमिलनाडु से अरुणाचल प्रदेश स्थित परशुराम कुण्ड के लिए आठ नवंबर को रवाना हुई अमृत भारत रथ-यात्रा के 61 दिनों का प्रथम चरण 8 जनवरी को जयपुर में पूरा हो जाएगा। कुछ दिनों विश्राम के बाद रथ-यात्रा दूसरे चरण में जयपुर से अरुणाचल प्रदेश के लिए प्रस्थान करेगी। 08 जनवरी को जयपुर में आयोज्य जय जय परशुराम सर्वमंगल महामहोत्सव की तैयारियों के लिए जयपुर स्थित श्यामनगर जनपथ पर कैम्प कार्यालय बनाया गया है।
प्रदेश महामंत्री संगठन देवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि विप्र फाउंडेशन एक ऐसा सौभाग्यशाली संगठन है जिसे भगवान परशुराम कुण्ड क्षेत्र को देश के बड़े तीर्थ स्थल के रुप में पुनर्स्थापित एवं विकसित करने के पुण्य मिशन में केन्द्र व अरुणाचल प्रदेश सरकार ने सहभागी बनाया है। विप्र फाउंडेशन यहां 11 करोड़ रुपये खर्च कर भगवान परशुराम जी की अष्टधातु निर्मित 51 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित करने के आलावा तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए गेस्टहाउस एवं गौशाला आदि का निर्माण कर रहा है। भगवान परशुराम की विशाल मूर्ति मानेसर में तैयार हो रही है जिसे अंतिम रुप देने के लिए राजस्थान के ही प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश मालूराम कुमावत जुटे हुए हैं।
विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने जानकारी देते हुए बताया कि लोहित नदी के बीच लगने वाली भगवान परशुराम की विशाल मूर्ति का भूमि पूजन गत 21 मई को देश के गृहमंत्री अमित शाह के कर कमलों से हो चुका है। यात्रा के समापन पर मूर्ति स्थापना हो जायेगी। स्थापना पर वाराणसी एवं उज्जैन जैसा भव्य समारोह हो इसके लिए विप्र फाउंडेशन के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश सरकार प्रयासरत हैं।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जोन-1 बी राजस्थान प्रभारी दीपक पारीक ने बताया कि परशुराम कुण्ड तीर्थ स्थल के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में समाज का बड़ा तबका अनभिज्ञ हैं, इसीलिए पीले चावल व आमंत्रण पत्र देकर परशुराम कुण्ड की यात्रा हेतु जनमानस को आग्रह कर प्रेरित किया जा रहा है। परशुराम कुण्ड आमंत्रण यात्रा के माध्यम से ये भी जनजागृति की जा रही है कि भगवान किसी जाति विशेष के लिए नहीं होते हैं। भगवान विष्णु के छठे अंशावतार चिरंजीवी परशुराम भी सर्वसमाज के पूजनीय है। कालांतर में भारतीय समाज को बांटने की नीति के चलते समरसता के प्रतीक परशुराम को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया। इस जातिगत अवधारणा को समाप्त कर वास्तविकता से अवगत करवाना ही हमारा प्रयास है। इसी सीच के मद्देनजर सर्व समाज से मूर्ति स्थापना निमित्त सहयोग निधि ली जा रही है ताकि वे भी अपना जुड़ाव महसूस कर सके।
जोन 1 बी राजस्थान प्रदेश कार्यालय प्रभारी रमेश चन्द्र उपाध्याय ने बताया कि 08 जनवरी को जयपुर में आयोजित जय जय परशुराम महामहोत्सव में बीकानेर शहर देहात से सैंकड़ों विप्रजन बसों एवं निजी वाहनों से शिरकत करेंगें। भगवान परशुराम कुंड आमंत्रण शोभायात्रा में भी नोखा, देशनोक, कोलायत, बीकानेर महानगर, श्रीडुंगरगढ एवं लूणकरणसर तहसीलों से सर्व समाज के बन्धुगणों ने भव्य स्वागत अभिनंदन करते हुए सामाजिक समरसता का संदेश दिया था।