राकेश भाटी, कनु शेखावत, आर के सुथार सहित अनेक कलाकारों ने की शूटिंग
जाखड़ांवाली
म्हारी जबान राजस्थानी एंथम की 10 एसपीडी सहित कई गांवों में शूटिंग की गई। गायक और गीतकार नरेंद्र खटोड़ ने बताया कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए ये गीत युवाओं का प्रेरणास्रोत बनेगा। राजस्थानी भाषा संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से युवा पीढ़ी को रूबरू करवाएगा। राजस्थानी कलाकार भी अपने काम के माध्यम से मान्यता के लिए सहयोग दे रहे हैं। राजस्थानी को मान्यता मिलेगी तो राजस्थानी म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री को बहुत बड़ा फायदा होगा। लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
मैनपाल खटोड़ ने बताया कि 29 मार्च को शाम 6 बजे यूट्यूब चैनल खटोड़ राजस्थानी पर गीत रिलीज होगा। विडियो अरबन बॉय और संगीत पी मैक्स स्टूडियो ने तैयार किया है। हरीश हैरी ने कहा कि राजस्थानी कलाकारों ने गीत, भजन, कॉमेडी, न्यूज चैनल और रील के माध्यम से आम आदमी को राजस्थानी भाषा से जोड़ा है। युवाओं के कारण अपनी राजस्थानी अब फैशन बनती जा रही है। राजस्थानी को व्यवहार की भाषा बनाकर लोग घर बैठे ही मान्यता दे रहे हैं।
हम राजस्थानी के फैन हैं :-
राजस्थानी के प्रति लोग कितने जागरुक है इसका पता शूटिंग पर चला। लोगों ने अपने चहेते राजस्थानी कलाकारों को देखते ही पहचान लिया और सेल्फी लेने और राजस्थानी शायरी सुनाने की मांग की। आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने राजस्थानी के काम गिनवाए। शूटिंग के समय ट्रेक्टर पर आर के सुथार का ट्रेडिंग अमली एंथम टू गीत को बजता देख कर कलाकार ने पूछा कि क्या आपको पता है कि ये गीत किसका है? किसान ने कहा कि आपका ये गीत हमें बहुत पसंद है और वे राजस्थानी गीत ही सुनते हैं। गौरतलब है कि अमली एंथम टू अलग-अलग प्लेटफार्म पर अब तक 26 लाख लोग देख चुके हैं।
इन कलाकारों ने बढ़ाया राजस्थानी का मान :-
गायक और गीतकार नरेंद्र खटोड़, सीतू वर्मा, आर के सुथार, पवन सारस्वत, हरीश हैरी, मैनपाल खटोड़, कनु शेखावत, राकेश भाटी सर, प्रेम भाटी, विनोद, राजेश गोदारा, संदीप स्वामी, रणवीर माकड़, विजयपाल, गुरदयाल, कैमरामैन नव राय, एडिटर जय राय, डायरेक्टर हरविंदर बराड़, देशराज, मनसुराम खटोड़, भागीरथ सहित अनेक ग्रामीणों ने अभिनय किया। धूप होने के बावजूद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शूटिंग देखने पहुंचे। दिनभर राजस्थानी की मान्यता पर चर्चा चलती रही। राजस्थानी की मान्यता से होने वाले फायदों के पम्फलैट बांटे गए। बुजुर्गों ने ठेट राजस्थानी में किस्से सुनाए तो युवाओं ने खूब आनंद लिया।