बीकानेर, 2 अप्रेल। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर, आमजन को असी, मसी व कृषि का ज्ञान करवाने भगवान ऋषभदेव (आदिनाथजी) जी के जन्म व दीक्षा कल्याणक दिवस पर मंगलवार को नाहटा चौक के चार शताब्दी पुराने भगवान आदिनाथ मंदिर, भुजिया बाजार के करीब छह शताब्दी प्राचीन श्री चिंतामणि आदिनाथ मंदिर में पूजा, अभिषेक, विशेष अंगी व भक्ति के आयोजन हुए। अनेक श्रावक श्राविकाओं ने जिनालयों में ’’सर्व सिद्धिमंत्र- ऊं हृं श्रीं अर्हंम श्री ऋषभदेव तीर्थंकराय नमः’’ का जाप किया गया तथा भजन गाए गए। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने वर्षीतप की साधना शुरू की।
नाहटा चौक के चार शताब्दी से अधिक प्राचीन भगवान आदिनाथ की करीब सवा छह फीट ऊंची प्रतिमा के नाहटा पंचायती प्रन्यास, अखिल भारतीय श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक युवक संघ के तत्वावधान में भगवान आदिनाथ की भक्ति के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। चांदी की 51 किलों की अंगी की रचना की गई। मंदिर में पूजा पक्षाल, सामूहिक स्नात्र पूजा, शांतिधारा अभिषेक,बड़ी पूजा व शाम को महा आरती का आयोजन हुआ। नाहटा पंचायती प्रन्यास, मत्री दौलत राम नाहटा ने बताया कि पूजा व अभिषेक में बड़ी संख्या श्रावक-श्राविकाओं ने हिस्सा लिया। अनेक भक्तों ने मंदिर में बैठकर भगवान आदिनाथ के मंत्रों का जाप किया ।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ से सम्बद्ध ज्ञान वाटिका के बच्चों अपने अभिभावकों के साथ भुजिया बाजार के श्री चिंतामणि आदिनाथ भगवान मंदिर में स्नात्र पूजा व शांति कलश पूजा भक्ति गीतों के साथ की। जिनालय पूजा, चैत्यवंदन-दर्शन कार्यक्रम के समन्वयक ज्ञानजी सेठिया, पवन खजांची व ज्ञान वाटिका की श्रीमती सुनीता नाहटा के नेतृत्व में बच्चों ने ’’बाला आदिनाथ’ ’आदि भजन गाए । पूजा बालिका छवि बोथरा, हर्षित सेठिया, तनिषा सेठिया, पीयूष छाजेड़ ने करवाई। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास व हेम राज मुकेशजी छाजेड़ की ओर से प्रभावना की गई।