बीकानेर, 26 सितंबर। रेबीज जागरुकता एवं रोकथाम अभियान के तहत 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाएगा।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश हर्ष ने बताया कि रेबीज विषाणु जनित जानलेवा जूनोटिक बीमारी है। भारत में प्रतिवर्ष 25, 565 व्यक्ति कुत्तों के काटने से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। यह विश्व का 36 प्रतिशत है। रेबीज जागरुकता एवं रोकथाम अभियान के उद्देश्य से विश्व रेबीज दिवस प्रतिवर्ष 28 सितम्बर को मनाया जाता है। विश्व रेबिज दिवस 2024 रेबीज की सीमाओं को तोडना थीम पर आधारित है। उन्होंने बताया कि गत् वर्षों में श्वानों द्वारा काटने की घटनाओं में अत्यंत वृद्धि हुई है। इसके मद्देनजर विश्व रेबीज दिवस पर टीकाकरण महाशिविर का आयोजन बहुउद्देशीय पशुचिकित्सालय गोगागेट में किया जाएगा।
शिविर प्रभारी और वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार रंगा ने बताया कि रेबीज जागरुकता एवं बचाव के लिए व्याख्यान का आयोजन भी किया जाएगा।