26.09.2024 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना तहत बीकानेर के देवासर गांव में पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया । केन्द्र द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवासर ढाणी परिसर में लगाए गए इस पशु स्वास्थ्य शिविर में कुल 101 पशुपालकों द्वारा लाए गए 421 पशुओं यथा- गाय 114, ऊँट 28, भैंस 27, भेड़ व बकरी 252, की स्वास्थ्य जांच, उपचार व दवाओं आदि का वितरण किया गया तथा उन्हें उचित परामर्श दिया गया । जहां इस शिविर में महिलाओं की सक्रिय सहभागिता रहीं ।
केन्द्र के निदेशक डॉ.आर.के.सावल ने इस दौरान कहा कि एनआरसीसी, भारत सरकार की इस एससीएसपी योजना का लाभ जरूरतमंद पशुपालकों तक पहुंचाने हेतु प्रगतिशील पशुपालकों को पशु मेलों, किसान गोष्ठियों, संवाद कार्यक्रमों आदि के माध्यम से अद्यतन पशु प्रौद्योगिकी संबंधी जानकारी देना, पशुओं के उचित प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण देना, केन्द्र द्वारा विकसित उष्ट्र उत्पादों के विपणन एवं मूल्य संवर्धन से उन्हें जोड़ते हुए व्यावसायोन्मुख बनाना आदि हेतु प्रतिबद्ध है ताकि पशुपालकों को उष्ट्र पालन व्यवसाय के माध्यम से बहुआयामी आमदनी प्राप्त हो सकें । उन्होंने पशुपालकों को प्रेरित करते हुए बताया कि बदलते परिवेश में पशुपालन व्यवसाय वैज्ञानिक ढंग से किया जाए तो पशु के स्वास्थ्य संबंधी विकारों में कमी आएगी तथा इससे पशुपालक अपनी आमदनी में आशातीत वृद्धि ला सकेंगे।
केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. शान्तनु रक्षित ने एनआरसीसी की प्रसार गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र, अपनी अनुसंधान गतिविधियों को तत्परता से पशुपालकों तक पहुंचाने हेतु प्रयत्नशील रहता है ताकि पशुपालकों को इनका भरपूर लाभ मिल सकें।
केन्द्र की अनुसूचित जाति उप-योजना से जुड़े डॉ.काशी नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुपालकों से मुखातिब होते हुए जानकारी दीं कि पशुओं को पर्याप्त मात्रा में खनिज लवणों की आपूर्ति की जानी चाहिए ताकि उनकी स्वास्थ्य विकारों में कमी लाई जा सकें और उनसे अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त हो सकें ।
पशु शिविर में लाए गए पशुओं में पोषक तत्वों की आपूर्ति हेतु पशुपालकों को खनिज लवण व करभ पशु आहार का वितरण किया गया। केन्द्र के श्री मनजीत सिंह, सहायक मुख्य तकनीकी ने शिविर में पशुओं के पंजीयन, दवा व पशु आहार वितरण आदि विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया ।