!!दीपावली पर्व!!
काव्य पाठ……… मोहन भन्साली
दीपावली का पावन पर्व आया है!
मां लक्ष्मी का वरदहस्त पाना है!!
घर के कोने कोने को चमकाना हैं,
चारों दिशाओं में घी का दीप जलाना है।
दीपावली का पावन पर्व आया है,
मन मुटाव को………. भुलाना है,
सबको………….. गले लगाना है,
चहुंओर मैंत्री का दीप जलाना है।
दीपावली का पावन पर्व आया है!
छोटे-बड़े का भेद…….मिटाना है,
सबका………मुंह मिठ्ठा कराना है,
सर्वव्यापी सद्भावना का दीप जलाना है।
दीपावली का पावन पर्व आया है!
मिलावट का.. परित्याग करना है,
शुद्ध खान-पान को प्रश्रय देना है,
घर घर खुशियों का दीप जलाना है।
दीपावली का पावन पर्व आया है!
स्वार्थ का……बलिदान चढ़ाना है,
राष्ट्रहित का…. प्रकाश फैलाना है,
राष्ट्र व्यापी सौहार्द्र का दीप जलाना है।
दीपावली का पावन पर्व आया है!
राग द्वेष…………….. मिटाना है,
शांति का साम्राज्य……. लाना है,
विश्व स्तरीय करुणा का दीप जलाना है।।
दीपावली का पावन पर्व आया है!
मां लक्ष्मी का वरदहस्त पाना है!!
रचनाकार::
मोहनलाल भन्साली “कलाकार”
गंगाशहर, बीकानेर, राजस्थान।
दिनांक:: 27.10.2024
मो.7734968551 !!ऊं अर्हंम्!!
।।दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।