बीकानेर, 15 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज आदिठाणा 18 व साध्वीश्री विजय प्रभा व प्रभंजनाश्रीजी के सान्निध्य में कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को जप तप के साथ मनाई गई। भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर में 108 दीपकों की आरती की गई।
बैदों के महावीर जी मंदिर से गाजे बाजे से भगवान महावीर की सवारी निकली जो विभिन्न जैन बहुल्य मोहल्लों में होते गंगाशहर स्थित पार्श्वचन्द्र सूरी दादाबाड़ी में पहुंची जहां शनिवार को पूजा होगी। सवारी रविवार को सुबह साढ़े नौ बजे पार्श्वचन्द्र सूरी दादा से रवाना होकर विभिन्न जैन समाज के मोहल्लों से होते हुए वापस बैदों के महावीरजी मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी। भगवान महावीर के सवारी के ढढ्ढों के चौक में पहुंचने पर रविवार को सुबह करीब दस बजे भक्ति का कार्यक्रम जैनाचार्य महाराज, मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में होगा।
जैनाचार्य श्री जिन पीयूष सागर महाराज ने परमात्मा की पालकी की वंदना की तथा भजन मंडलियों के कलाकारों तथा सवारी में शामिल श्रावक-श्राविकाओं के प्रति मंगल भावना व्यक्त की। उन्होंने प्रतिक्रिया में कहा कि बीकानेर में श्रावक-श्राविकाओं की देव, गुरु व धर्म के प्रति श्रद्धा भक्ति अनुकरणीय है। श्रद्धा भक्ति की परम्परा को आगे बढ़ाना है तथा बाल व युवा पीढ़ी को जोड़ना है। परमात्मा की सवारी में शामिल श्रावकों ने ’’चंदन की दो चौकियां पुष्पन के दो हार, कुंम-कुंम भरियो बाटको पूजो नैन कुमार’’ तथा ’’ जिन शासन देव की जय’’ के उद्घोष के साथ जैनाचार्य महाराज का भी जयकारा से गुरु वंदन किया। उनके सान्निध्य में शनिवार को सुबह ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन व रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सामूहिक प्रतिक्रमण व उसके बाद शत्रुंज्य तीर्थ की भाव यात्रा का आयोजन होगा।