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भागवत भगवान का साक्षात स्वरूप है:बजरंगदास जी महाराज
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नोखा। यहाँ रोड़ा रोड़ पंचारिया ट्यूबवेल के पिछे महर्षि गौतम नगर (कान्हा महाराज की खेड़ी) मे नोखा के जाने माने विद्यवान पंडित कन्हैया लाल जेठीदेवी पंचारिया की ओर से 14 नवम्बर से 20 नवम्बर तक दिन के 12.15 बजे से सांय 4-30 बजे तक चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को व्यास पीठ पर विराजीत महामंडलेश्वर आचार्य श्री बजरंग दास जी महाराज श्रीबालाजी सेवा धाम ने बड़ी तादाद में उपस्थित धर्म प्रेमी दर्शक श्रोताओं का भागवत कथा ज्ञान गंगा में डुबकिया लगवाते हुए भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भागवत भगवान का स्वरूप है। भागवत की कथा जितनी बार सुनो उतनी बार अलग-अलग आनन्द की अनुभूति होगी महाराज ने कहा कि भागवतजी का मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमो भजते रहो आपका कल्याण हो जायेगा। भगवान को कपट और घमंडी अंहकार वाला अच्छा नहीं लगता महाराज ने विभिन्न प्रसँगों की कथा सुनाने के दौरान दासी पुत्र विदुरजी प्रसंग कथा पर विस्तार प्रकाश डालते हुए कहा भगवान कृष्ण विदुर के घर आने वाले थे इसलिए विदुरजी भगवान के लिए माखन मिश्री व मिष्ठान लेने बाजार चले गये पिछे से भगवान कृष्ण विदुर के घर आते है तो विदुरानी उन्हें देखते ही भाव विभोर हो जाती है और भगवान को उल्टी चौकी पर बिठा कर केले छिलते हुए केले के छिलके भगवान को खिला रही है और केले की गिरी निचे फेंक रही है इतने में ही विदुरजी आते हैं और देखकर विदुरानी से कहते है अरे ये क्या कर रही है। भगवान को छिलके खिला रही हो विदुर जी ने भगवान कृष्ण को बड़े चाव से मिष्ठान लड्‌डू खिलाये तब भगवान कृष्ण विदुर से कहते है विदुर जो स्वाद छिलको में था वो स्वाद इन लडुओं में नहीं है। भगवान तो भाव के भूखे है।
कथा प्रसंग अनुसार आज आये विदुर कर आये पावणा भजन की प्रस्तुती के दौरान महिलाये व्यास पीठ के आगे आकर झूमने लगी तो कथा आयोजक 94 वर्षीय कन्हैयालाल पंचारिया भी अपने पावो को रोक नहीं पाये और वो और उनके पुत्र व परिवार के लोग झूम पड़े।
कथा में आयोजक परिवार के सत्यनारायण, मुरलीधर, भूराराम, जयकिशन, ताराचन्द, प्रदीप, पंकज, मनोज,सुनील,प्रमोद पंचारिया, विनोद,हेमंत जोशी,पुखराज पंचारिया, सीए अजय पंचारिया,एडवोकेट राजेश पंचारिया, लालचन्द, महेन्द्र, आशीश, कृष्णा, विनीत, सौरभ एवं समस्त पंचारिया परिवार और भाई बंधु, सगे सम्बन्धी सहित नोखा व आसपास के धर्म प्रेमी भागवत कथा का अमृत पान कर रहे हैं।

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Gordhan Soni

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