राइजिंग राजस्थान समिट में यहां के ख्यातनाम उद्योगपति ने आम बीकानेरियन के मन की बात को जोरशोर से कह कर प्रशासन और स्वयंभू नेताओं को बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया । समिट में युवा उद्यमी दीपक अग्रवाल ने शहर की समस्याओं को रेखांकित करते और आमंत्रण पर बीकानेर पधारने वाले प्रतिष्ठित बिजनेसमैन्स के साथ शहर भ्रमण के दौरान अनुभूत हुए बेलज्जत पलों को स्वरबद्ध करते हुए दो टूक कहा – शहर को देखकर खुद पर शर्म महसूस होती है। युवा उद्यमी दीपक के ऐसे मुखर स्वर मानों समस्याओं के अंधेरे में बैठे बीकानेरियन के लिए मानो प्रकाश फैलाने वाले बन गए और उस प्रकाश में समिट में मौजूद प्रशासनिक अलम्बरदार भी असहज होते दिखे।
दरअसल जिले को विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ाने का एहसास कराने वाले बड़े स्तर के जिला स्तरीय राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में कुल 131 निवेशकों के 32 हजार करोड़ के महत्त्वाकांक्षी एम ओ यू पर हस्ताक्षर होने के एतिहासिक अवसर पर किसी को भी अपने बीकानेर के बड़े औद्योगिक घराने के युवा उद्यमी से ऐसी साफगोई का कल्पना तक नहीं थी।
यह तो अब सामने आएगा कि बीकानेर के एक बड़े औद्योगिक घराने के युवा एमडी के पीड़ा व्यक्त करते शब्दों पर प्रशासन के संबंध हमले और विभाग क्या सार्थक कदम उठाते हैं। कोई कदम उठाते भी है या नहीं यह भी स्पष्ट होने लगेगा।
आपको बताते चलें की 13 नवंबर को यहां लक्ष्मी निवास पैलेस में जिला स्तरीय राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान बीकाजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक दीपक अग्रवाल ने अपने संबोधन से सभी को न केवल चौंकाया बल्कि सकते में भी ला दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में पालिथीन बैन है मगर बीकानेर में जहां देखो वहीं पालिथीन की भरमार दिखाई देती है। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि हम निवेश के लिए बाहरी व्यापारियों को यहां बुलाते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जब वे शहर में कदम रखते हैं तो उन्हें गंदगी, खराब सड़कें और बदहाल यातायात जैसी समस्याएं ही मिलती हैं। ऐसे में, शहर को देखकर खुद पर शर्म महसूस होती है।
उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा मैं कुछ और बोलूंगा तो यहां बैठे कुछ लोग नाराज़ भी हो जाएंगे।
समिट के दौरान कई व्यापारियों का कहना था कि शहर के बुनियादी ढांचे को लेकर प्रशासन को गंभीरता से सोचना चाहिए, वरना इन्वेस्टमेंट समिट केवल एक दिखावा बनकर रह जाएगी। इस दौरान व्यापारियों ने साफ-सफाई, ट्रैफिक, और सड़कों के हालत में सुधार की अनिवार्यता बताई। उनका कहना था कि जब तक शहर की मूलभूत सुविधाएं बेहतर नहीं होंगी, निवेशकों को यहां लाना मुश्किल हो जाएगा।