संविधान! हमारा प्राण है,
संविधान! सत्य का दर्शन है,
संविधान! अहिंसा का संदेश है,
संविधान! वर्तमान का पथदर्शन है,
संविधान! भविष्य का मार्गदर्शक है,
संविधान! हमारा…… पवित्र ग्रंथ है!!
संविधान! न्याय का श्रृंगार है,
संविधान! सौहार्द्र की मिसाल है,
संविधान! जन-मानस का त्राण है,
संविधान! अखंडता का बोधपाठ है,
संविधान! लोकतंत्र की अद्भुत शान है,
संविधान! हमारा…….. पवित्र ग्रंथ है!!
!! सादर समर्पित!!
रचनाकार::
मोहनलाल भन्साली “कलाकार”
गंगाशहर, बीकानेर, राजस्थान!
दिनांक:: 26.11.2024