गोपेश्वर महादेव मंदिर गंगाशहर में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से सात दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य आयोजन किया गया। जिसके प्रथम दिवस में दिव्य गुरु आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री त्रिपदा भारती जी ने प्रभु की कथा के महत्त्व से प्रभुभक्तों को अवगत करवाया। कथा का शुभारंभ केदार अग्रवाल, श्रवण सिंह के द्वारा पूजन से किया गया कथा के प्रथम दिवस में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी जी ने कहा, वह भक्त सौभाग्यशाली होते है। जिन्हें प्रभु की कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। जीवन का उचित मार्गदर्शन हम कथा से प्राप्त कर सकते है। इसीलिए हमारे भारत में वैदिक काल से इस परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है। अतीत में घटी घटनाओं को यथावत् रूप में सुन लेना मात्र कथा नहीं है। वास्तव में प्रभु की कथा हमारे लिए स्वयं का विश्लेषण है। स्वयं से परिचय पाने का मार्ग है। यह आज के समाज का सत्य है, कि हम पूरी दुनिया की खबर तो रखते है। लेकिन खुद से बेखबर है। अंतरिक्ष में ऊँची उड़ने भर चुके है, सागर को माप चुके है, पर्वतों पर अपनी जीत के परचम लहरा चुके है। किन्तु इन सब के बावजूद स्वयं से बहुत दूर व अपरिचित हो गए है। हम अपने लक्ष्य को विस्मृत कर बैठे है। इसलिए प्रभु की कथा हमें जागृत कर हमारे लक्ष्य की ओर अग्रसर करने का कार्य करती है। वास्तव में हमारे मानव तन का लक्ष्य उस ईश्वर को पाना है। जो एक पूर्ण गुरु से आत्मज्ञान प्राप्त करके ही संभव हो सकता है। इसके अतिरिक्त कथा में सुमधुर भजनों का गायन भी किया गया। कथा का समापन राजेंद्र अग्रवाल, जुगलकिशोर जयपुरिया, गोपाल अग्रवाल, रामकिशन, महावीर जोशी,जगदीश गर्ग द्वारा प्रभु की मंगल आरती से किया गया।