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हनुमानजी की तरह देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण रखें- जैनाचार्य
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धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी गाजे-बाजे से हुआ नगर प्रवेश


बीकानेर, 8 अप्रैल। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के जैनाचार्य, श्रुत भास्कर, गच्छाधिपति आचार्यश्री धर्मधुरंधर सूरीश्वरजी महाराज अपने सहवृति मुनियों, तथा उनकी सांसारिक माताजी साध्वीश्री अमित गुणाजी (माताजी महाराज) ने सहवृति साध्विंयों के साथ मंगलवार को गाजे बाजे से नगर प्रवेश किया। 
गोगागेट के बाहर  वल्लभ चौक के पास स्थित गौड़ी पार्श्वनाथ से रवाना हुआ नगर प्रवेश का जुलूस विभिन्न मार्गो, जैन बहुल्य मोहल्लों से होते हुए रांगड़ी चौक की पौषधशाला पहुंच कर धर्मसभा में बदल गया। धर्म सभा में जैनाचार्य धर्मधुरंधरजी ने कहा कि राम भक्त हनुमान की तरह देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण रखे। वल्लभ नगरी के रूप् में विख्यात बीकानेर के श्रावक-श्राविकाएं जिनेश्वर परमात्मा, गुरु व धर्म के प्रति हनुमानजी  की तरह वर्षों से समर्पण रखकर जिन शासन की सेवा कर रहे है। यह  अनुकरणीय,अनुमोदनीय है। मुनि ऋषभ चन्द्र विजय ने कहा कि अपनी दृष्टि व सोच को बदले। दृष्टि व सोच को बदलने से सृष्टि बदल सकती है।
कार्यक्रम में कोचर मंडल, सौम्य मंडल, आराधना मंडल, ओस्तरा मंडल, वीर मंडल ने भक्ति व स्वागत गीत प्रस्तुत किए। साध्वी पीयूष पूर्णाश्रीजी ने गुरु स्तुति की। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मंत्री विजय कोचर ने जैनाचार्य, मुनिवृंद व साध्वीवृंद का स्वागत किया तथा विहार के दौरान हुई किसी तरह की असातना पर क्षमा याचना की।
श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के अध्यक्ष रिखब चंद सिरोहिया ने बताया कि जैनाचार्य विजय धर्मधुरन्धर सूरिश्वरजी एवं साध्वी अमितगुणाजी (माताजी महाराज) आदिठाणा के नगर प्रवेश के जुलूस में नागौर व पंजाब की ढोल तासा पार्टी ने अनेक करतब दिखाते हुए श्रावक-श्राविकाओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया।  बैंड पार्टी नवकार महामंत्र का धुन बजा रही थी। श्राविकाएं मंगल गीत गा रही थी वहीं श्रावक जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। नगर प्रवेश की शोभायात्रा में जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के गुरु वल्लभ, आत्मानंदजी सहित आचार्यों  के आधा दर्जन चित्र, सजे संवरे घोड़े शोभायमान थे। अनेक स्थानों पर गंवली सजाकर रास्ते में जैनाचार्य व साध्वीवृंद का स्वागत वंदन किया गया। जैनाचार्य ने कोचरों के चौक के भगवान अजीत नाथजी के मंदिर में दर्शन वंदन किया। फ्रेण्डस क्लब के जितेन्द्र कोचर ने आयोजन के महत्व को उजागर किया।
जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के मंत्री विजय कोचर ने बताया कि जैनाचार्य बुधवार को सुबह रांगड़ी चौक के पौषधशाला से पैदल प्रस्थान कर गंगाशहर के तेरापंथ भवन जाएंगे। जहां वे जीतो व जैन यूथ क्लब की ओर से आयोजित नवकार महामंत्र जाप कार्यक्रम में शामिल होंगे। आचार्यश्री गुरुवार को जैन महासभा की ओर से गौड़ी पार्श्वनाथ जैन मंदिर में सुबह साढ़े नौ बजे आयोजित महावीर जयंती समारोह में शामिल होंगे। इससे पूर्व वे वैदों के महावीरजी मंदिर में श्री महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव में सान्निध्य प्रदान करेंगे। उनके प्रवास के दौरान कोचरों के चौक में पंच मंदिर में पूजा, करमीसर की विशाला माता मंदिर में दर्शन वंदन के कार्यक्रम है। जैनाचार्य, गच्छाधिपति का संक्रांति महोत्सव कोचरों के चौक में 14 अप्रैल को सुबह नौ बजे होगा, उसके बाद स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन होगा। जिसके लाभार्थी लाभचंद, फतेह चंद जी कोचर परिवार होगा।
गच्छाधिपति विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी, विजय धर्मधुरंधरजी व जैनाचार्य जयानंदजी महाराज की सांसारिक माताजी 95 वर्षीय साध्वीश्री अमित गुणाजी महाराज सहवृति साध्वी पीयूष पूर्णा, प्रशांत पूर्णा नयन पूर्णा, नमन पूर्णा व अनंत पूर्णाश्रीजी के साथ करीब तीन‘-चार दशक के बाद अम्बाला से 2 मार्च को विहार कर बीकानेर पहुंची है। नगर प्रवेश पर साध्वीश्री अमितगुणाजी (माताजी) महाराज ने कहा कि बीकानेर के श्रावक-श्राविकाओं में देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण व श्रद्धा की कोई सानी नहीं है । उन्होंने कहा कि बीकानेर प्राचीन जैन मंदिरों, धर्मनिष्ठ श्रावक-श्राविकाओं के कारण की पुण्यधर्म धरा के रूप् में पहचान रखती है। श्रावक-श्राविकाएं अपनी पहचान को कायम रखें तथा नियमित धर्म ध्यान से जुड़े रहे।

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Gordhan Soni

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