
गायों की देसी नस्ल को बढ़ावा देने के लिए सरकार कृत संकल्पित- श्री जोराराम कुमावत, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री
पशुधन अनुसंधान केन्द्र ( थारपारकर) बिछवाल का पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने किया निरीक्षण
पिछले साल थारपारकर गाय 2 लाख 83 हजार में और डेढ़ साल का बछड़ा 2 लाख 11 हजार में बिका
देशभर में है थारपारकर गाय की बेहद डिमांड
बीकानेर, 15 अप्रैल। पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग मंत्री श्री जोराराम कुमावत और बीकानेर पश्चिम विधायक श्री जेठानंद व्यास ने ने मंगलवार शाम बिछवाल स्थित पशुधन अनुसंधान केन्द्र ( थारपारकर) का निरीक्षण किया।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार गायों की देशी नस्ल थारपारकर, राठी इत्यादि को बढावा देने के लिए कृत संकल्पित है। गायों की देशी नस्ल थारपारकर इत्यादि का संरक्षण व संवर्धन अति आवश्यक है। उन्होने पशुधन अनुसंधान केन्द्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां थारपारकर गायों का रखरखाव काफी अच्छा है। साथ ही कहा कि किसानों की ट्रेनिंग और बढाई जाए ताकि किसान देशी नस्ल की गाय थारपारकर के संरक्षण और संवर्धन में सहायक सिद्ध हो सके।
इससे पूर्व पशुधन अनुसंधान केन्द्र बिछवाल ( थारपारकर) प्रभारी अधिकारी डॉ मोहनलाल ने बताया कि केंद्र में कुल 210 थारपारकर पशुधन है। देशभर में थारपारकर गायों की मांग बहुत ज्यादा है। लिहाजा पिछले साल इसी केन्द्र की एक गाय 2 लाख 83 हजार में और डेढ़ साल का बछड़ा (मेल) 2 लाख 11 हजार में बिका था। फार्म के सहायक प्रभारी डॉ अरुण कुमार ने बताया कि देशभर में थारपारकर गायों के केवल तीन ही अनुसंधान केन्द्र हैं जिसमें से दो अनुसंधान केन्द्र राजुवास के अंतर्गत बीकानेर और चांदण (जैसलमेर) में व तीसरा आईसीएआर की ओर से सूरतगढ़ में संचालित है। देशभर में करीब 2 लाख ही थारपारकर नस्ल का पशुधन बचा है।
इस अवसर पर राजुवास कुलपति डॉ मनोज दीक्षित, श्री चंपालाल गेदर, श्री राजाराम सीगड़, उरमूल डेयरी एमडी श्री बाबूलाल बिश्नोई, राजुवास अनुसंधान निदेशक डॉ बी.एन.श्रृंगी, वेटरनरी संकाय अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता डॉ हेमंत दाधीच,वेटरनरी क्लिनिक निदेशक डॉ प्रवीण बिश्नोई, पीजी अधिष्ठाता डॉ राजेश धूड़िया, एडीआर डॉ एन.एस.राठौड़, पशुधन अनुसंधान केन्द्र बिछवाल ( थारपारकर) प्रभारी अधिकारी डॉ मोहनलाल, पशुधन अनुसंधान केन्द्र बीकानेर (राठी गाय) प्रभारी अधिकारी डॉ विजय बिश्नोई उपस्थित रहे।