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गोताखोर, आशाराम  ओझा उर्फ चंकी तैराक का अभिनंदन
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बीकानेर, 6 जून। नामी गोताखोर आशाराम ओझा उर्फ चंकी तैराक का शुक्रवार को बजरंग धोरे के सामने राजभोग परिसर के स्विमिंग पूल परिसर में उनके शिष्यों ने 57 वें जन्मदिन पर अभिनंदन किया। चंकी तैराक अनेक लोगों को तैराकी सिखा चुके है तथा बड़ी संख्या में डूबे हुए लोगों के शवों को तालाब से निकाल चुके है तथा अनेक डूबतेे हुए लोगांें की जान बचाने निस्वार्थ भाव से सेवा चुके है।
बीकानेर लाइव की ओर से व्रिष्ठ मीडियाकर्मी शिव कुमार सोनी, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार भवन के ट्रस्टी गणेश सहदेवड़ा, गोरधन सोनी, सामाजिक कार्यकर्ता पेंटर भूरमल सोनी, नोखा के राजा रवि, बीकानेर के दिव्यांश व तेजस सोनी आदि ने आशाराम ओझा उर्फ चंकी तैराक का माल्यार्पण व स्मृति चिन्ह से सम्मान किया । चंकी तैराक इससे पूर्व भी नगर विकास न्यास, नगर निगम, पूर्व शिक्ष मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला तथा अनेक सामाजिक एवं स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से डूबकर मरने वालों के पार्थिव देह को बाहर निकालने, डूबते लोगों को बचाने की सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। जिन लोगों को डूबने से बचाया वे लोग व उनके परिजन आज भी चिंकी तैराक का गुणगान करते है। मिलने पर चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त  कर रहे है।
  चंकी तैराक का जन्म बीकानेर के मोहता चौक में प्यारे लालजी (ओझा नानकाणी) उर्फ मुंशी मारजा के घर 6 जून 1968 को हुआ। बचपन शिक्षा के साथ संध्या-वंदन,देव पूजन सिखकर तैराकी को अपनी रुचि बना लिया। शहर में पानी की खेळिया के बाद संसोलाव  तालाब    में तैरना सीखा। पूर्व पार्षद विष्णु दत्त छंगाणी उर्फ नूं  महाराज ने उनको तैराकी का गुरु ज्ञान दिया। उनके सानिध्य में सबसे पहले नाल तलाई से टाट में लिपटे नवजात शिशु का शव निकाला। परमात्मा के आशीर्वाद, हिम्मत व मजबूत आत्मबल तथा निष्काम सेवा के समर्पण भाव वे चंकी तैराक अब तक करीब 200 से अधिक लोगों के शव को तालाब से निकाल चुके है तथा डूबते लोगों को बचा चुके है। इनमें कोलायत के रमण सेवग, बीकानेर के नू पहलवान, राजा सेवग, गोविंद,बंब आदि 20 प्रसिद्ध तैराकों का भी कई मामलों में सहयोग रहा। सर्दी में व कोलायत तालाब में कमल गट्टा होने से शव निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। सर्दी में बदन पर सरसों का तेल लगाकर तथा कोलायत में शव को निकलने वक्त तैराक के पैर में डोरी बांधनी पड़ती है। किसी जाल में फंसने पर डोरी को तालाब के बाहर बैठा व्यक्ति संकेत प्राप्त कर खींच लेता है।
नियमित नगर सेठ लक्ष्मीनाथजी, मरुनायक चौक के नाटेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर, व भैरव मंदिर में दर्शन वंदन, पूजा पाठ कर अपनी दिनचर्या शुरू करने वाले चंकी तैराक वर्तमान में सुबह नौ बजे के से साढ़े दस बजे तक राम मंदिर के लिए लोकप्रिय गीत ’’मंदिर वहीं बनाएंगे’’ गाकर लोकप्रिय हुए वेद व्यास के रास भोग स्विमिंग पुल में छात्र छात्राओं को तैराकी का प्रशिक्षण दे रहे है।
आलेख -शिव कुमार सोनी

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