Bikaner Live

पंजाब पुलिस के महानिदेशक डॉ.जितेन्द्र जैन ने किए जिनालयों व मुनिवृंद के दर्शन, की धर्म चर्चा
soni

बीकानेर,17 जुलाई। गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य में गुरुवार को ढढ्ढा कोटड़ी में जप,तप व दादा गुरुदेव की साधना-आराधना व भक्ति का दौर परवान पर रहा।
गुरुवार पंजाब पुलिस के महानिदेशक बाड़मेर के डॉ.जितेन्द्र जैन ने गणिवर्य मेहु प्रभ सागर व मुनि वृंद से डागा सेठिया पारख मोहल्ले के महावीर भवन में धर्म चर्चा की तथा उदयरामसर दादाबाड़ी, नाहटा चौक के शांति नाथ मंदिर में दर्शन किए। महावीर भवन में श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा, पूर्व अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष अजीत खजांची, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के अध्यक्ष अनिल सुराणा, सचिव विक्रम भुगड़ी, केयूप के राष्ट्रीय संरक्षक राजीव खजांची, सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, लवलीन पारख व प्रेम पुगलिया आदि ने स्मृति चिन्ह से उनका तथा उनकी पत्नी श्रीमती मंजू जैन अभिनंदन किया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक जितेन्द्र जैन ने गणिवर्य व मुनिश्री से भगवान महावीर के सिद्धांतों, संदेशों, तत्व ज्ञान, संबोधि चातुर्मास में चल रहे जप, तप व कार्यक्रमों, गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज, आचार्यश्री मनोज्ञ सागर जी महाराज के चातुर्मास की गतिविधियों, धर्म, ध्यान, स्वाध्याय की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अहिंसा परमोधर्म का ंसदेश देने वाला जैन धर्म के सभी नियम व कायदें तथा धर्म-आध्यात्म की क्रियाएं पूर्ण वैज्ञानिक तथा जीव मात्र के लिए कल्याणकारी है। विश्व में शांति, सद्भाव तथा जीवों की रक्षा के लिए भगवान महावीर के बताएं सत्य, अहिंसा, अचौर्य, अपरिग्रह व ब्रह्मचर्य, ज्ञान, दर्शन व चारित्र की साधना सर्व उपयोगी है। उनकी धर्म पत्नी मंजू ने तत्व ज्ञान की परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की जिज्ञासाओं को गणिवर्य से वार्ता कर दूर किया।
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के सह कोषाध्यक्ष तरुण डागा ने बताया कि ’’दादा दत्त सूरी’’ तप मुनि मंथन प्रभ सागर के नेतृत्व में विभिन्न साधनाएं की। श्वेता पत्नी हेमंत कोठारी के अट्ठाई तथा पीयूष सुराणा के चार दिन की तथा आयम्बिल, उपवास,बेला व तेला की तपस्याएं करने वालों की अनुमोदना श्रीसंघ ने की।
’’सभी जीव करुं-शासन रसी-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने गुरुवार को प्रवचन में कहा कि अरिहंत, तीर्थंकर परमात्मा का ध्येय व संदेश रहता है कि ’’सभी जीव करुं शासन रसी’’ संसार के सभी जीव सुखी रहे, सबका कल्याण हो, सब मोक्षगामी बने। यह भावना अंतर में लाने से ही अरिहंत पद की भक्ति होगी।

Picture of दिलीप गुप्ता

दिलीप गुप्ता

खबर

http://

Related Post

error: Content is protected !!
Join Group
12:07