
बीकानेर, 24 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी अपने सहवृति 17 मुनियों व 18 साध्वीवृंद के साथ 26 जून बुधवार को सुबह साढ़े पांच बजे ढढ्ढा चौक से शिवबाड़ी जाएंगे। आचार्यश्री के सान्निध्य में श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में 27 जून गुरुवार से एक जुलाई तक पंचाहिन्का अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में होगा। उन्होंने बताया कि भारत भर के अनेक ट्रस्ट, पेढ़ी एवं संघों के सहयोग से सात शिखर वाले, सफेद संगमरमर का गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर वास्तु एवं शिल्प कला में अपने आप में अनूठा मंदिर है। मंदिर के चारों तरफ 108 पार्श्वनाथ सह धरणेन्द्र देव अति आकर्षक है। शिवबाड़ी का 108 पार्श्वनाथ धरणेन्द्र का भारत भर में पहला मंदिर है।
श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक बीकानेर निवासी सूरत प्रवासी पवन पारख, मनु मुसरफ, जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ व सचिव मनीष नाहटा व मंदिर जीर्णोंद्धार व प्रतिष्ठा समिति के सदस्यों ने बुधवार को मंदिर में महोत्सव के दौरान शिवबाड़ी आने वाले श्रावक-श्राविकाओं के पूजा, प्रवास, भोजन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में अंजनशलाका व प्रतिष्ठा 27 जून से,
आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी आदिठाणा 26 को शिवबाड़ी जाएंगे
बीकानेर, 24 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी अपने सहवृति 17 मुनियों व 18 साध्वीवृंद के साथ 26 जून बुधवार को सुबह साढ़े पांच बजे ढढ्ढा चौक से शिवबाड़ी जाएंगे। आचार्यश्री के सान्निध्य में श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में 27 जून गुरुवार से एक जुलाई तक पंचाहिन्का अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में होगा। उन्होंने बताया कि भारत भर के अनेक ट्रस्ट, पेढ़ी एवं संघों के सहयोग से सात शिखर वाले, सफेद संगमरमर का गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर वास्तु एवं शिल्प कला में अपने आप में अनूठा मंदिर है। मंदिर के चारों तरफ 108 पार्श्वनाथ सह धरणेन्द्र देव अति आकर्षक है। शिवबाड़ी का 108 पार्श्वनाथ धरणेन्द्र का भारत भर में पहला मंदिर है।
श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक बीकानेर निवासी सूरत प्रवासी पवन पारख, मनु मुसरफ, जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ व सचिव मनीष नाहटा व मंदिर जीर्णोंद्धार व प्रतिष्ठा समिति के सदस्यों ने बुधवार को मंदिर में महोत्सव के दौरान शिवबाड़ी आने वाले श्रावक-श्राविकाओं के पूजा, प्रवास, भोजन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
शिक्षा के माध्यम से बच्चों को लायक बनाएं नालायक नहीं-आचार्यश्री
बीकानेर, 24 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर म.सा. ने सोमवार को ढढ्ढा चौक परिसर में प्रवचन में कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली भावी पीढ़ी को धर्म व संस्कारों ही नही ंपरिवार, समाज व राष्ट्र के प्रति अपने नैतिक, मानवीय व आध्यात्मिक कर्तव्यों व मूल्यों से दूर कर रही है। अभिभावक व शिक्षक प्रयास व पुरुषार्थ के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में इतना लायक बनाएं की वे कभी नालायक नही बनें। माता-पिता को कभी अकेला या वृद्ध आश्रम में जीवन व्यतीत नहीं करना पड़े।
उन्होंने कहा की भारतीय आर्य संस्कृति ज्ञान का अमूल्य समृद्ध खजाना रही है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था ने भारत की धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक व सैद्धान्तिक शिक्षा को अस्त व्यस्त कर दिया है । पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित शिक्षा प्रणाली बच्चों को राष्ट्र, संघ, शासन व समाज व परिवार के कर्तव्यों से विहीन, संस्कार, लज्जाशीलता, नैतिकता, मानवीयता आदि सद्गुणों से विमुख कर रही है।
बीकानेर के मुनि सम्यक रतन सागर ने कहा कि विकृत शिक्षा से कतिपय शिक्षित वर्ग, बुद्धिजीवी वर्ग अनैतिक कार्य अनीती के कारण देश को धोखा दे रहे है। विकृत ज्ञान को रोकने के प्रयास सभी स्तर पर किए जाने चाहिए।
भगवान आदिनाथ मंदिर में पूजा आज
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी मुनि सम्यक रत्न सागर के वीर पिता भीखम चंद बरड़िया की स्मृति में मंगलवार को सुबह साढ़े नौ बजे नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर में पंच कल्याणक पूजा खरतरगच्छाचार्य, खरतरगच्छ सहस़्त्राब्दी महोत्सव प्रेरक जिन पीयूष सागर सूरीश्वर, मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में शुरू होगी। आयोजन से जुड़े धीरज बरड़िया ने बताया भक्ति संगीत के साथ भगवान आदि नाथ की पूजा की जाएगी।