!!पर्युषण आराधना!!
काव्य पाठ……….. मोहन भन्साली
पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व आया है।
आध्यात्मिकता का संदेश लाया है।।
त्याग और तपस्या से,
कर्म निर्जरा करने का अवसर आया है!
मौन,ध्यान और स्वाध्याय से,
अन्तर्मन में झांकने का अवसर आया है!
प्रवचन मालाओं से,
ज्ञान दर्शन चारित्र जानने का अवसर आया है!
गुरु परिपार्श्व से,
तीर्थंकर चरित्र सुनने का अवसर आया है!
आसक्ति से,
अनासक्त बनने का अवसर आया है!
राग और द्वेष से,
विरक्त बनने का अवसर आया है!
मन की गांठें खोल,
कषाय मुक्त निर्मल बनने का अवसर आया है!
अहं से,
अर्हंम् बनने का अकल्पनीय अवसर आया है।।
लौकिक और लौकोत्तर धर्म को,
पहचानने का अनुपम अवसर आया है।
शास्वत धर्म के अनुसरण से,
मोक्ष पथ पर आरोहण करने का अवसर आया है।
मिथ्यात्व से,
सम्यकत्व का स्पर्श करने का अवसर आया है।
क्षमा याचना के बहुमान से,
वैराग्य भाव को अंकुरित कर पाऊं …….2
।।ऊं अर्हंम्।।
!!पर्युषण महापर्व पर सादर समर्पित!!
रचनाकार::
मोहनलाल भन्साली “कलाकार”
गंगाशहर, बीकानेर, 7734968551
दिनांक:: 07.09.2024