बीकानेर।स्व. राजमाता श्रीमती सुशीला कुमारी जी की सम्पतियों में अपने हक व हिस्सें को कानूनन तय करवानें व जब तक न्यायालय द्वारा श्रीमती सुशीला कुमारी की सम्पतियों का बंटवारा कानूनी तौर पर तय ना कर दिया जाए तब तक सिद्धि कुमारी को पाबंद करवानें के लिए कि वें उनकी सम्पतियां को किसी प्रकार से खुर्दबुर्द ना करें, इसके लिए राज्यश्री कुमारी ने न्यायालय जिला न्यायाधीश के समक्ष एक वाद दायर किया।
21 नवम्बर को उक्त वाद की सुनवाई के दौरान राज्यश्री कुमारी के अधिवक्ता कमलनारायण पुरोहित ने न्यायालय से आग्रह किया कि राजमाता श्रीमती सुशीला कुमारी की आज की तारीख में ऐसी कोई वैध वसीयत नही हैं जिसे कानूनी तौर पर पढ़ा जा सके अतः वैध कानूनी वसीयत के आभाव में उनकी चल/ अचल सम्पतियों में उनकें वारीसान के हक व अधिकारों को तय किया जाए तथा सिद्धि कुमारीजी व अन्य को पाबंद किया जाए कि जब तक न्यायालय कानूनन मामले का निस्तारण ना कर दे तब तक उनकी सम्पतियों को खुर्दबुर्द ना करें। न्यायालय ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश जारी कर अधिवक्ता त्रिलोकचंद शर्मा को मौका कमिश्नर नियुक्त कर निर्देशित किया कि सम्बन्धित पक्षकारों के अधिवक्तागण को साथ ले जाकर स्व. महाराजा डॉ. करणीसिंहजी की वसीयत से सुशीला कुमारी जी को जो चल सम्पतियां प्राप्त हुई हैं वो खुर्दबुर्द ना हो इसके लिए इन सम्पतियों की सूची तैयार कर इस न्यायालय को 3 दिसम्बर को रिपोर्ट पेश करें।