
संयम और विवेक से पर्यावरण शुद्धि और नशामुक्ति संभव है,मुनिश्री कमल कुमार
बीकानेर। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी निर्देशित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत अणुव्रत समिति,गंगाशहर पर्यावरणशुद्धि एवं नशामुक्ति संगोष्ठी का आयोजन तेरापंथ भवन,गंगाशहर के प्रांगण में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी के सानिध्य में हुआ। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता जैन गर्ल्स कॉलेज के व्याख्याता डॉ. धनपत जैन एवं नशा मुक्ति विशेषज्ञ डॉ हरमीत सिंह थे ।
अणुव्रत समिति के अध्यक्ष करणीदान रांका ने बताया कि” मुनि श्री कमल कुमार जी अपने मंगल पाथेय में कहा कि ” संयम की साधना कर और विवेक युक्त आचरण कर हर व्यक्ति,हर समाज पर्यावरण का संरक्षण और नशे से स्वयं को बचा सकता है । मुनिश्री ने आह्वाहन किया कि दीपावली पावन पर्व है इस अवसर पर पर्यावरण स्वच्छता और नशे पर रोक का कार्य विशिष्ट रूप से हो”
समिति के मंत्री एडवोकेट कन्हैयालाल बोथरा ने बताया कि मुख्य वक्ता डॉ धनपत जैन ने पर्यावरण शुद्धि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा ने अपने वक्तव्य में कहा क़ि ” आज ज्ञान में भी मिलावट है । इंसान की लालसा और विवेकहीनता ने पंच तत्वों के लिए सबसे बड़ा खतरा उत्पन्न किया है ।”
उपाध्यक्ष मनोज सेठिया ने बताया कि नशा मुक्ति पर अपने विचार रखते हुए डॉक्टर हरमीत सिंह ने कहा कि ” नशा एक रोग है,उन्होंने क्रमशः संपर्क,आनंद आना, दोबारा प्रयोग, मात्रा बढ़ना, तलब,शारीरिक समस्या, मानसिक समस्या,स्थाई क्षति और मृत्यु इन नौ अवस्थाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए बीकानेर शहर में बढ़ रहे नशे की भयावह स्थिति हेतु चिंता जाहिर की।
कोषाध्यक्ष विजय बोथरा ने बताया कि” कार्यक्रम के अंतिम चरण में मुख्य वक्तागण का पताका पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मान जतन दुग्गड, मांगीलाल सेठीया, राजेंद्र बोथरा, डालचंद बुच्चा, हेमराज गुलगुलिया ने किया ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में भंवर लाल बोथरा परिवार को विशिष्ट योगदान मिला । सम्पूर्ण व्यवस्था संचालन उपाध्यक्ष मनोज सेठिया,मनीष बाफना, कोषाध्यक्ष विजय बोथरा, सहमंत्री मनोज छाजेड प्रचार प्रसार मंत्री शिखर चंद डागा, किशन बैद,राजेंद्र नाहटा, विमल चौरड़िया, मानक सामसूखा,धर्मेंद्र डाकलिया,ताराचंद गुलगुलिया, जतन बैद,बच्छराज गुलगुलिया,पुखराज दुग्गड, राजेंद्र नाहटा,अनिल बैद आदि की सक्रिय भूमिका रही ।













