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शत्रुंज्य तीर्थ की भाव वंदना व भक्तामर पाठ कल
नित्य आत्म-निरीक्षण व परीक्षण करें-गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा.
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बीकानेर, 4 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के गणिवर्य मुनि मेहुल प्रभ सागर म.सा. मुनि मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, बीकानेर की साध्वी दीपमाला व शंखनिधिश्रीजी में संबोधि चातुर्मास 2025 के समापन पर प्रतिक्रमण आदि धार्मिक क्रियाएं मंगलवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे व महावीर भवन में हुई। गणिवर्य, मुनि व साध्वीवृंद बुधवार को चातुर्मासिक स्थान परिवर्तन करेंगे।
रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में मंगलवार को गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने अंतिम चातुर्मास प्रवचन (देशना) में कहा कि काम,क्रोध,लोभ व मोह आदि कषायों का त्याग कर धर्म-अध्यात्म को मन व अंतकरण से स्वीकार करें। देव, गुरु व धर्म में अपना समर्पण करें। छोटे-छोटे व्रत व नियम लेकर अपने में व्याप्त बुराइयों व कमियों को दूर करें। नित्य आत्म-निरीक्षण व परीक्षण करें ।
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. आदि ठाणा के सान्निध्य बुधवार को सुबह सवा छह बजे रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में कार्तिक पूर्णिमा पर पालीतणा के शत्रुंज्य तीर्थ के पट चित्र के आगे भाव वंदना व धर्म क्रियाएं की जाएगी। गणिवर्य म.सा. सुगनजी महाराज के उपासरे से प्रस्थान कर सुबह साढ़े छह बजे खजांची मोहल्ले में स्थित खरतरगच्छ युवा परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक राजीव खजांची के निवास पर आयोजित भक्तामर स्तोत्र में तथा उसके बाद श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में श्री सकल श्रीसंघ के सहयोग से भगवान की सवारी में सान्निध्य प्रदान करेंगे। साध्वीश्री दीपमाला व शंखनिधि जी नाहटा चौक के महावीर डागा निवास पर चातुर्मासिक स्थान परिवर्तन करेंगी।

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Gordhan Soni

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