मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति ने अप्रत्याशित करवट बदली है। कल तक शिवसेना के बागी नेता कहे जा रहे एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के बीसवें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने हैं। इस प्रकार राज्य में पिछले 10 दिन से चली आ रही राजनीतिक असमंजस की स्थिति समाप्त हो गई है। वहीं शपथ ग्रहण के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक ली।
किसी को कानोकान खबर नहीं थी कि बन चुकी है रणनीति
गुरुवार शाम तक किसी को कानोकान खबर नहीं थी कि राज्य की राजनीति में ऐसा भी कुछ हो सकता है। फडणवीस ने शिंदे के साथ राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद प्रेस में की। इसमें उन्होंने घोषणा की कि एकनाथ शिंदे ही राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। उनके साथ गए शिवसेना के 39, एवं कुछ निर्दलीय व कुछ छोटे दलों के विधायकों को भाजपा समर्थन देगी।
पीएम मोदी के फोन पर माने फडणवीस
फडणवीस की इस घोषणा के कुछ देर बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल पर आकर एक नई सूचना दी कि पार्टी ने फडणवीस को भी शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने का निर्देश दिया है। वह भी शिंदे के साथ ही शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि फडणवीस को शिंदे के साथ उपमुख्यमंत्री बनने हेतु मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें दो बार फोन किया।
नड्डा और शाह ने की फडणवीस की सराहना
इसके बाद जब फडणवीस राजी हुए तो राजभवन में शपथग्रहण के मंच पर लगाई जा रही कुर्सियों की संख्या दो से बढ़ाकर तीन कर दी गई। राजभवन में बने नए दरबार हाल में शिंदे और फडणवीस का यह पहला शपथग्रहण समारोह संपन्न हुआ। बड़ा दिल दिखाने के लिए नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फडणवीस की सराहना की।
पीएम मोदी ने बधाई दी
‘महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए देवेंद्र फडणवीस को बधाई। वह भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा हैं। उनके अनुभव का लाभ महाराष्ट्र सरकार के लिए बहुत लाभदायी साबित होगा और राज्य के विकास को मजबूती देगा। – नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
फडणवीस ने दिखाया बड़ा दिल : शाह
‘भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर बड़ा दिल दिखाते हुए देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और सेवा भाव का प्रतीक है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।’ – अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
फडणवीस ने राजनीतिक पंडितों को किया हैरान
प्रेस कांफ्रेंस में फडणवीस ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर उन राजनीतिक धुरंधरों को भी अचरज में डाल दिया, जो यह मानकर बैठे थे कि मुख्यमंत्री वह खुद बनेंगे और एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
संजय राउत ने कसा था तंज
गुरुवार सुबह ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा था कि हम पर टिप्पणियां की जा रही हैं। लेकिन मैंने तो एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया था। अब तुम भी बालासाहब ठाकरे के एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाकर दिखाओ तो जानें। राकांपा सांसद एवं शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले भी कह चुकी हैं कि मुख्यमंत्री बनने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है। एकनाथ शिंदे के पास तो इतने विधायक हैं नहीं। वह सरकार कैसे बनाएंगे?
शपथ से पहले शिंदे ने ठाकरे-दिघे को याद किया
एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे एवं अपने राजनीतिक गुरु धर्मवीर आनंद दिघे के नाम पर ली। इस निर्णय के बाद नए ‘चाणक्य’ की पदवी से विभूषित किए जा रहे देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये विचारों की लड़ाई थी। अब शिंदे सरकार न सिर्फ राज्य के रुक गए विकास को आगे बढ़ाएगी, बल्कि हिंदुत्व के विचारों को भी आगे ले जाएगी।
पीएम समेत भाजपा नेताओं का जताया आभार
फडणवीस के इस निर्णय से अभिभूत शिंदे ने कहा कि उनके (फडणवीस) जैसा व्यक्ति मिलना मुश्किल है। राज्य में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। निर्दलियों का समर्थन लेकर उनके पास करीब 120 विधायक हैं। इसके बावजूद उन्होंने बालासाहब ठाकरे के एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाकर अपने बड़प्पन का परिचय दिया है। शिंदे ने खुद को यह अवसर दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष नड्डा के प्रति भी आभार जताया।
शिवसेना भाजपा ही स्वाभाविक गठबंधन था
शिंदे ने कहा कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन ही स्वाभाविक गठबंधन था। 2019 में इस गठबंधन की सरकार न बन पाने से शिवसेना विधायकों के क्षेत्र में मुश्किलें खड़ी होने लगी थीं। स्थिति ऐसी हो गई थी कि यदि हम महाविकास आघाड़ी सरकार में बने रहते तो हमारा दुबारा चुनकर आना भी मुश्किल हो जाता।
भाजपा के भरोसे पर खरोंच नहीं आने दूंगा : शिंदे
शिंदे ने यह भी कहा कि भाजपा ने जो भरोसा उन पर जताया है, वह उस पर खरोंच भी नहीं आने देंगे। शिंदे ने अपने पूर्व नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब 50 विधायक अलग भूमिका लेने पर मजबूर हुए हैं, तो उन्हें आत्मपरीक्षण करना चाहिए।
जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार
जल्द ही होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। जिसमें भाजपा के भी मंत्री शामिल होंगे। फडणवीस ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे। बाहर से ही सरकार की मदद करते रहेंगे।