महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित के प्रयासों से बीकानेर शहर को अमृत 2.0 में सीवरेज प्रोजेक्ट के रूप में बड़ी सौगात मिली है। केंद्र सरकार के आदेशानुसार रुडसिको द्वारा जारी की गई वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति में राजस्थान में सबसे अधिक राशि का प्रोजेक्ट बीकानेर में मंजूर हुआ है।
अमृत 1.0 का काम लगभग पूरा हो गया है। अमृत 2.0 के लिए महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित लगातार प्रयासरत थी। महापौर द्वारा विगत दिनों वाराणसी में आयोजित हुई ऑल इंडिया मेयर कॉन्फ्रेंस में भी केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलात मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मिलकर अमृत 2.0 में शहर में वंचित इलाकों में सीवरेज लाइन डालने हेतु अमृत 2.0 में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए निवेदन किया गया था। इसके बाद भी महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के माध्यम से लगातार अमृत 2.0 प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए प्रयासरत थी। केंद्र सरकार द्वारा दी गई प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति हो के क्रम में रुडसिको द्वारा जारी आदेश अनुसार राजस्थान में सीवरेज एवं नदियों के पुनरुद्धार के लिए अमृत 2.0 में कुछ प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं।
सीवरेज प्रोजेक्ट में राजस्थान में सर्वाधिक 284.43 करोड रुपए का प्रोजेक्ट बीकानेर नगर निगम को स्वीकृत किया गया है । जिसमें लगभग 95 करोड केंद्र सरकार द्वारा 135 करोड़ राज्य सरकार द्वारा तथा 57 करोड रुपए नगर निगम द्वारा वहन किए जाएंगे।
अमृत 2.0 में हो रहे सीवरेज कार्य में सिविर लाइन डालने के बाद घरों के कनेक्शन कर आगे वल्लभ गार्डन तथा गंगाशहर में बने ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाएगा । आवश्यकतानुसार दोनों ट्रीटमेंट प्लांट की कैपेसिटी को भी बढ़ाया जा सकता है। पूरा कार्य होने पर सभी इलाकों से आ रहे गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर खेती योग्य साफ पानी में बदला जा सकेगा।
इन इलाकों में होगा काम
शिव बाड़ी क्षेत्र में करीब 25 किलोमीटर इलाका से सीवरेज से वंचित है ।इसके अलावा वल्लभ गार्डन जोन के सुदर्शना नगर, पवन पुरी, रानी बाजार, धोबी तलाई, रेलवे स्टेशन के सामने का इलाका चोपड़ा कटला, जयपुर रोड समेत तमाम इलाके शामिल है।
महापौर ने बताया की शहर की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयासरत हूं। शहर की प्रथम नागरिक होने के नाते मेरा दायित्व है की शहर के विकास के लिए हर संभव कदम उठाऊं। अमृत 2.0 के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह जी पूरी से भी मुलाकात को थी। उन्होंने प्रोजेक्ट मंजूरी का आश्वासन दिया था। परकोटा क्षेत्र तथा पुरानी गिन्नाणी में सीवरेज प्रणाली और इसके स्थाई समाधान को लेकर भी विशेषज्ञों से बैठकें हो रही है। आने वाले दिनों में इस बड़ी समस्या का भी समाधान किया जायेगा।