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दीपावली पूजन का मुहूर्त:
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दीपावली पूजन का मुहूर्त:
*भारतीय सनातन संस्कृति में दीपावली का बहुत बड़ा महत्त्व होता है । इस वर्ष को दीपावली के अवसर पर गणेश लक्ष्मी जी का पूजन 24 अक्टूबर 2022 वार सोमवार को किया जायेगा वैसे दूसरे दिन ग्रहण होने के कारण उस दिन कोई कार्य नहीं किया जायेगा इसकी पूरी जानकारी आपको नीचे दी जा रही है।* *गुरूजी के अनुसार धनतेरस के लिए दीपक जलाने का कार्य यानि दीपदान 22 अक्टूबर को शाम को और काली दीपावली का 23 अक्टूबर की शाम को और 24 अक्टूबर को गणेशा लक्ष्मी जी का पूजन और गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को और भैया दूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी 25अक्टूबर को ग्रहण के कारण ग्रहण समाप्त होने के बाद शाम को दीपक जलाना वर्जित नहीं है उस दिन भी दीपक जलाना होगा ग्रहण का विवरण पहले दे चूका हूं दीपवाली की पूजा का विवरण नीचे दे रहा हूं आप सभी कर सकते है वैसे दीपावली का पूजा कर्क लग्न में नहीं करना चाहिए बाकी उस दिन के लग्न लिख रहा हूं वैसे पुरे दिन करने में कोई मना नहीं है फिर भी मैं आपको वृषभ लग्न और सिंह लग्न का समय दिया जा रहाहै।*
*लग्न का मुहूर्त:-*
*कोलकाता* :- *वृषभ सायं 6.19 से रात 08.17 और सिंह लग्न रात 12.46 से रात 02.57 तक*
*मुंबई* :- *वृषभ सायं 07.26 से रात 09.26 और सिंह लग्न रात 01.52 से रात 04.00 बजे तक*
*दिल्ली* :- *वृषभ सायं 06.53 से रात 08.48 और सिंह लग्न 01.39 रात से रात 03.39 तक*
*बीकानेर* :- *वृषभ सायं 07.10 से रात 09.05 और सिंह लग्न रात 01.49 से रात 03.56 तक*
*जयपुर*:- *वृषभ सायं 07.02 से रात 08.58और सिंह लग्न रात 01.31 से रात 03.47 तक*
*वैसे व्यापार के लिए वृषभ लग्न और सिंह लग्न घर के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है बाकी आप नई मूर्ति का पंडित जी से दिन भर में कभी भी प्रतिष्ठा करवा कर पूजा करवा सकते है ।*
*25 अक्टूबर 2022 को ग्रहण होने के कारण और सायं को अमावस्या नहीं रहने के कारण पूजा 24 अक्टूबर को ही की जाएगी मूर्ति का वापस अपने स्थान पर उसी दिन बैठा लेना होगा या फिर 26 अक्टूबर को वापस अपने स्थान पर विराजमान करना सही रहेगा वैसे ग्रहण होने के कारण उसी दिन करना चाहिए।*

???? ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। ????
*श्री महालक्ष्मी माता कि जय* *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*
*पं ज्योतिषाचार्य जतनलाल*
*(कपिल गुरु)श्रीमाली*
*बीकानेर।*
*मो0–7568323981*
*आज का पंचांग:-*
*नोटः-पंचांग बहुत ही ध्यान रखते हुए बनाया गया हैं फिर भी कई बार( टंकण) लिखने मे गलती हो सकती हैं।*
*हिंदू सवंत् 2079(नल)*
*कार्तिक स्नान प्रारंभ हैं।*
*मास:-कार्तिक*
*पक्ष:-कृष्ण*
*ऋतु:-हेमंत*
*आज, दिपावली,श्री महालक्ष्मी पूजन,महाकाली पूजा,कमला जयंती, श्री महावीर निर्वाण दिवस (जैन)।*
*नोट:-आज सर्वश्रेष्ठ पूजन का समय:- रात्रि 7:15 बजे से रात्रि 7:28 बजे तक जिसमें प्रदोषकाल,वृषभ का स्थिर लग्न तथा कुम्भ का स्थिर नवांश भी रहेगा।*
*आज दिपावली पर लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त:-*
*आज प्रदोष युक्त अमावस्या को लक्ष्मी पूजन के शुभ समय :-*
*सांय:-5:47 बजे से रात्रि 8:21 तक प्रदोषकाल,*
*रात्रि:-7:03 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक वृषभ लग्न।*
*मध्य रात्रि बाद:-1:33 बजे से रात्रि 3:49 बजे तक सिंह लग्न।*
*तिथि:-14 (चतुर्दशी) कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की तिथि सांय 5:28 बजे तक,तदनंतर कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जायेगी।*
*आज दिपावली स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त भी हैं जो शुभ व सिद्धि दायक हैं।*
*????आज अन्तरात्रि 4:15 बजे के बाद ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जायेगा।*
*वार:-सोमवार*
*24-10-2022 (अंग्रेजी तारीख)*
*नक्षत्र:-हस्त नक्षत्र दोपहर बाद 2:42 बजे तक तदुपरांत चित्रा नक्षत्र हैं।*
*योग:- वैधृतिं नामक अशुभ योग दोपहर बाद 2:32 बजे तक,*
*तदनंतर विषकुंभ नामक अशुभ योग हैं।*
*करण:-शकुनि नामकरण सांय 5:28 बजे तक, तदुपरांत चतुष्पादादिक हैं ।*
*☺️*सूर्योदय 6:41 बजे*
*????सूर्यास्त आज-शाम 06:00*
*बजे*
*चन्द्रमा:-आज चन्द्रमा अर्द्धरात्रि 2:33 बजे तक कन्या राशि में,व इसके बाद तुला राशि में रहेगा।*
*शाके संवत्…1944*
*अयन:- दक्षिणायण*
*ऋतु:- शरद*
*दिशा शूल:- पूर्व*
*श्रेष्ठ चौघड़िया:- आज सूर्योदय से प्रातः 7:59 बजे तक अमृत,प्रातः 9:23 बजे से पूर्वाह्न 10:47 बजे तक शुभ तथा दोपहर बाद 1:35 बजे से सूर्यास्त तक क्रमशः चर,लाभ व अमृत, के शुभ व श्रेष्ठ चौघड़िया है।*
*अभिजीत मुहूर्त:- अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:48 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक है।*
*राहु काल:-प्रातः 7:30 बजे से प्रातः 9:00 बजे तक।*
*सुबह जल्दी से उठाकर बिस्तर । कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्य सरस्वती ।*
*करमूले तु गोविंद:प्रभा
*दिनाँक:-24/10/2022, सोमवार*
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि ————–चतुर्दशी 17:26:30 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र————- हस्त 14:40:47
योग———— वैधृति 14:30:56
करण———– शकुनी 17:26:30
करण——— चतुष्पद 28:55:48
वार———————– सोमवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि——–कन्या 26:31:59
चन्द्र राशि——————- तुला
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:25:33
सूर्यास्त————— 17:40:48
दिन काल————- 11:15:14
रात्री काल————- 12:45:23
चंद्रास्त—————- 17:09:33
चंद्रोदय—————- 30:03:13

लग्न—- तुला 6°25′ , 186°25′

सूर्य नक्षत्र——————– चित्रा
चन्द्र नक्षत्र——————- हस्त
नक्षत्र पाया——————- रजत

*???????????? पद, चरण ????????????*

ण—- हस्त 08:42:10

ठ—- हस्त 14:40:47

पे—- चित्रा 20:37:22

पो—- चित्रा 26:31:59

*???????????? ग्रह गोचर ????????????*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 06 :29 चित्रा , 4 री
चन्द्र =कन्या 18 °23, हस्त , 3 ण
बुध =कन्या 26 ° 34′ चित्रा ‘1 पे
शुक्र=तुला 06°05, स्वाति ‘ 1 रू
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 06°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°40 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°40 विशाखा , 4 ता

*???????? शुभा$शुभ मुहूर्त ????????*

राहू काल 07:50 – 09:14 अशुभ
यम घंटा 10:39 – 12:03 अशुभ
गुली काल 13:28 – 14:52 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 12:26 – 13:11 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:41 – 15:26 अशुभ
वर्ज्यम 22:36 – 24:10* अशुभ

????चोघडिया, दिन
अमृत 06:26 – 07:50 शुभ
काल 07:50 – 09:14 अशुभ
शुभ 09:14 – 10:39 शुभ
रोग 10:39 – 12:03 अशुभ
उद्वेग 12:03 – 13:28 अशुभ
चर 13:28 – 14:52 शुभ
लाभ 14:52 – 16:16 शुभ
अमृत 16:16 – 17:41 शुभ

????चोघडिया, रात
चर 17:41 – 19:16 शुभ
रोग 19:16 – 20:52 अशुभ
काल 20:52 – 22:28 अशुभ
लाभ 22:28 – 24:03* शुभ
उद्वेग 24:03* – 25:39* अशुभ
शुभ 25:39* – 27:15* शुभ
अमृत 27:15* – 28:51* शुभ
चर 28:51* – 30:26* शुभ

????होरा, दिन
चन्द्र 06:26 – 07:22
शनि 07:22 – 08:18
बृहस्पति 08:18 – 09:14
मंगल 09:14 – 10:11
सूर्य 10:11 – 11:07
शुक्र 11:07 – 12:03
बुध 12:03 – 12:59
चन्द्र 12:59 – 13:56
शनि 13:56 – 14:52
बृहस्पति 14:52 – 15:48
मंगल 15:48 – 16:45
सूर्य 16:45 – 17:41

????होरा, रात
शुक्र 17:41 – 18:45
बुध 18:45 – 19:48
चन्द्र 19:48 – 20:52
शनि 20:52 – 21:56
बृहस्पति 21:56 – 22:59
मंगल 22:59 – 24:03
सूर्य 24:03* – 25:07
शुक्र 25:07* – 26:11
बुध 26:11* – 27:15
चन्द्र 27:15* – 28:19
शनि 28:19* – 29:22
बृहस्पति 29:22* – 30:26

*???????? उदयलग्न प्रवेशकाल ????????*

तुला > 04:59 से 07:10 तक
वृश्चिक > 07:10 से 09:30 तक
धनु > 09:30 से 12:00 तक
मकर > 12:00 से 13:38 तक
कुम्भ > 13:38 से 15:08 तक
मीन > 15:08 से 15:40 तक
मेष > 15:40 से 17:14 तक
वृषभ > 17:14 से 20:00 तक
कर्क > 20:00 से 00:30 तक
सिंह > 00:30 से 02:48 तक
कन्या > 02:48 से 04:50 तक

*????विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*????दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*???? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 14 + 2 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*???????? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ????????*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

*???? शिव वास एवं फल -:*

29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*????भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*???????? विशेष जानकारी ????????*

* श्री महा लक्ष्मी पूजन (दीपावली)

*निशीथ काली पूजन

* कमला जय कुबेर पूजन

*संयुक्त राष्ट्र संघ संस्थापना दिवस

*श्री महावीर निर्वाण दिवस

*वैधृत पुण्य

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